पर्स में रखे नोटों (Note) को लेकर हमारे में मन में कई तरह के सवाल घूमते रहते हैं. किसी से नोट लेते वक्त में हम ये जरूर चेक कर लेते हैं कि असली ही तो है न. कई बार आपसे किसी ने कहा होगा कि अगर नोट पर किसी तरह का रंग लग जाए, तो उसे नहीं चलाया जा सकता. दुकानदारों ने भी कई बार इसे लेने से मना कर दिया होगा. लेकिन रिजर्व बैंक (RBI) पुराने, दागदार और रंग लगे नोटों को लेकर क्या कहता है सबसे पहले जान लीजिए.
देश में करेंसी जारी करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऊपर है. अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, भारत में नोट जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक के पास है. धारा 25 में उल्लेख है कि नोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्वरूप और सामग्री भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार के अनुमोदन के अनुरूप होगी.
अब बात करते हैं दागदार और रंग लगे हुए नोटों की. रिजर्व बैंक कहता है कि महात्मा गांधी (नई) सीरीज सहित सभी बैंकनोट, जिन पर कुछ लिखा हो अथवा रंग लगा हुआ हो तो वे वैध मुद्रा जारी रहेंगे, बशर्ते कि उनपर लिखे नंबरों को पढ़ा जा सके. इस प्रकार के नोटों को किसी भी बैंक की शाखा में जमा किया जा सकता है या उन्हें बदला जा सकता है.
रिजर्व बैंक कहता है कि अगर नोट पर राजनैतिक अथवा धार्मिक स्वरूप का संदेश देने अथवा इस तरह के संकेत देने की नीयत से लिखे गए अनावश्यक शब्द या चित्र नजर आते हैं, तो ऐसे नोट को बदला नहीं जा सकेगा. इसके अलावा किसी व्यक्ति या संस्था के हितों को पूरा करने में सहायक होने पर बैंक नोटों के संबंध में ऐसे दावे को भारतीय रिजर्व बैंक (नोट वापसी) नियमावली, 2009 के अनुसार निरस्त कर देगा.
कटे-फटे नोट को भी आप किसी भी बैंक के ब्रांच में जाकर बदलाव सकते हैं. रिजर्व बैंक समय-समय पर कटे-फटे नोट को लेकर सर्कुलर जारी करता रहता है. इस तरह के नोटों को आप आसानी से किसी बैंक ब्रांच या रिजर्व बैंक कार्यालय में बदलवा सकते हैं.
रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति एक बार में ज्यादा से ज्यादा 20 नोटों को ही एक्सचेंज करवा सकता है. साथ ही इन नोटों की कुल वैल्यू 5000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. हालांकि, बुरी तरह जले, टुकड़े-टुकड़े होने की स्थिति में नोटों को नहीं बदला जा सकता.