कोरोना के चलते पिछले साल फरवरी और मार्च में करीब 40 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई थी. लेकिन उसके बाद से शेयर बाजार में लगातार तेजी से सुधार हो रहा है और इस साल फरवरी ने सेंसेक्स ने ऐतिहासिक 52,000 अंक के आंकड़े को भी पार किया.
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अगर बाजार के पिछले छह महीने के आंकड़ों को देखें तो Small Caps और Mid Caps कंपनियों में पैसा लगाने वाले म्युचुअल फंड्स पर औसत रिर्टन 35% से अधिक बढ़ा है. अगर अलग-अलग श्रेणी में देखें तो Small Caps Funds का रिटर्न 75% और Mid Caps Funds का रिटर्न 41% बढ़ा है.
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आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में रिसर्च एनालिस्ट सचिन जैन का कहना है कि जब बाजार सुधार के दौर से गुजर रहा होता है तो Small Caps और Mid Caps भी तेजी से सुधार करती हैं. ऐसे में मौजूदा स्तर पर Small Caps और Mid Caps फंड्स निवेश का अच्छा विकल्प हो सकते हैं.
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Small Caps और Mid Caps फंड्स के रिटर्न में बीते छह महीने में जो तेजी देखी गई है क्या उतने ही रिटर्न की उम्मीद से निवेश करना ठीक होगा. इस बारे में केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड के इक्विटीज हेड श्रीदत्ता भंदलवलदर सीधे-सीधे मना करते हैं. उनका कहना है कि लंबी अवधि में निवेशकों को बाजार से 10, 12 और 15% रिटर्न की उम्मीद रखनी चाहिए, क्योंकि जो कमाई पिछले छह महीने में हुई है, वो दोबारा नहीं होगी.
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भंदलवलदर का कहना है कि निवेशकों को बाजार के पॉइंट-2-पॉइंट रिटर्न पर ध्यान नहीं देना चाहिए. बल्कि उन्हें कॉरपोरेट की इनकम ग्रोथ पर ध्यान देना चाहिए. अगर उनकी आय 10 से 12% बढ़ रही है तो बाजार निवेशकों का बेहतर रिटर्न देता रहेगा.
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