Aadhaar-Voter ID Linking: एक से ज्यादा वोटर आईडी (Voter ID) रखने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है. सरकार अब ऐसे लोगों के ऊपर लगाम लगाने की तैयारी में है. मंत्रिमंडल (Cabinet) ने वोटर आईडी को आधार (Aadhaar) से लिंक करने के बिल को मंजूरी दे दी है.
कानून बनने से खत्म होंगी कई अड़चनें
कैबिनेट की मंजूरी के बाद बिल को लोकसभा (Loksabha) और राज्यसभा (Rajyasabha) में रखा जाएगा. दोनों सदनों से पास होने पर बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति जैसे ही बिल पर साइन करेंगे, यह कानून का रूप ले लेगा. इसके बाद चुनाव आयोग और अन्य अथॉरिटीज के लिए आधार और वोटर आईडी लिंक करने की राह की अड़चनें समाप्त हो जाएंगी.
पहले भी प्रयास कर चुका है आयोग
ऐसा नहीं है कि वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का यह पहला प्रयास है. इससे पहले चुनाव आयोग 2015 में वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रयास कर चुका है. प्राइवेसी को लेकर आधार का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाने के बाद चुनाव आयोग ने तब इस प्रक्रिया को टाल दिया था. अब इसे चुनाव आयोग की सिफारिश पर ही कानूनी जामा पहनाया जा रहा है.
फिलहाल अनिवार्य बनाने की तैयारी नहीं
आयोग की राय है कि वोटर आईडी को आधार से लिंक करने से फर्जी वोटरों की समस्या नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. लिंक हो जाने के बाद एक से अधिक वोटर आईडी रखने वालों के साथ ही एक से अधिक स्थानों पर वोटर लिस्ट में शामिल लोगों से भी निपटा जा सकेगा. बताया जा रहा है कि अभी वोटर आईडी को आधार से लिंक करना स्वैच्छिक होगा. सरकार फिलहाल आधार-वोटिंग आईडी लिंकिंग को अनिवार्य बनाने की तैयारी में नहीं है.
बहुत काम का है आधार
आधार को करीब 10 साल पहले बायोमीट्रिक पहचान के तौर पर पेश किया गया था. आज के समय में यह कई सरकारी सेवाओं को आम लोगों तक सहजता से पहुंचाने का माध्यम बन चुका है. इससे न सिर्फ चुटकियों में सिम कार्ड लेना संभव हुआ है, बल्कि मिनटों में आधार के जरिए बैंक अकाउंट भी खुलने लगे हैं.