अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने भारत के सबसे बड़े फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) का ऐलान किया है. 20,000 करोड़ रुपये के लिए ये एफपीओ 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. इश्यू का फ्लोर प्राइस 3,112 रुपये प्रति शेयर है, जो इसे कैपिटल मार्केट में अब तक के महंगे शेयरों में से एक बनाता है. फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर (FPO) को सेकेंडरी ऑफरिंग के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके तहत स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट कंपनी मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है.
नए सेक्टर में एंट्री की योजना
अडानी एंटरप्राइजेज इस महीने जो FPO लेकर आ रही है, उससे प्राप्त पैसे का वो कई सेक्टर्स में इस्तेमाल करने वाली है. पोर्ट से लेकर एनर्जी के सेक्टर्स में कारोबार करने वाली कंपनी नए सेक्टर्स में भी एंट्री की योजना बना रही है. FPO से जुटाई गई कुल धनराशि में से कंपनी ने ग्रीन हाइड्रोजन सिस्टम, एयरपोर्ट्स और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर में 10,869 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है. पिछले साल अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा था कि उनका ग्रुप एनर्जी ट्रांजिशन स्पेस में 70 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा.
कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल
इसके अलावा अडानी एंटरप्राइजेज FPO से प्राप्त रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए भी करेगी. गौतम अडानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने अपनी सहायक कंपनियों, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड और मुंद्रा सोलर लिमिटेड द्वारा लिए गए कर्ज के भुगतान के लिए 4,165 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है. कंपनी ने एक्सचेंजों को फाइलिंग में कहा कि FPO के लिए न्यूनतम बोली चार शेयरों की है और उसके बाद चार शेयर मल्टीपल में हैं.
एफपीओ प्राइस बैंड क्या है?
कंपनी ने FPO का फ्लोर प्राइस 3,112 रुपये प्रति इक्विटी शेयर तय किया है, जो बीएसई पर बुधवार के क्लोजिंग प्राइस 3,595.35 रुपये से 13 फीसदी कम है. इश्यू का प्राइस बैंड 3,112-3,276 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. गुरुवार को कंपनी के शेयर बीएसई पर 3.72% गिरकर 3,461.6 रुपये पर आ गए. इसके पीछे की वजह FPO के हाई प्राइस निवेशकों की उभरी चिंता है, जिसकी वजह से स्टॉक बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है.
स्टॉक का प्रदर्शन
पिछले पांच कारोबारी सत्रों में अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत में सात फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. पिछले एक महीने में ये स्टॉक 16 फीसदी से अधिक टूटा है. बाजार के जानकारों का कहना है कि चूंकि एफपीओ मौजूदा ट्रेडिंग प्राइस से डिस्काउंट पर आएगा, इसलिए उसकी वजह से स्टॉक में गिरावट आई है. क्योंकि FPO का साइज बहुत बड़ा है. इसलिए प्रमुख ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि कमजोर सेकेंडरी मार्केट की स्थिति के बावजूद FPO को पूरी तरह से सब्सक्राइब किया जा सकता है. इसके पीछे की वजह अतीत में निवेशकों को मिला रिटर्न है. हालांकि, अगर मार्केट प्राइस में गिरावट आती है, तो FPO के प्रति निवेशकों की प्रतिक्रिया प्रभावित हो सकती है.
रिटेल निवेशकों को छूट
कंपनी रिटेल निवेशकों को 64 रुपये प्रति शेयर की छूट दे रही है. यह 3,112 रुपये प्रति शेयर के फ्लोर प्राइस का सिर्फ 2.05 फीसदी बैठता है. अडानी एंटरप्राइजेज चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर जुगेशिंदर सिंह का कहना है कि यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक भारतीय पैसे कमाने की कहानी में भाग लेने के लिए सक्षम बने. ऐसा करने का एक तरीका इक्विटी बाजारों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना है. हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक रिटेल इंवेस्टर्स तक पहुंचना है.
क्या रिटेल निवेशकों को निवेश करना चाहिए?
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत अप्रैल 2020 में 134 रुपये पर थी. दिसंबर 2022 में इस स्टॉक की कीमत बढ़कर 4,100 रुपये को पार कर चली गई थी. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिटेल निवेशकों को इस इश्यू से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये पहले ही काफी आगे निकल चुका है. हां, अगर जो लोग वास्तव में निवेश करना चाहते हैं, वो इस इश्यू में एक छोटी राशि डाल सकते हैं. मोटे तौर पर निवेशकों को कंपनी की योजनाओं के अमल में आने का इंतजार करना चाहिए. स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार कर रहा है और निवेशक जब चाहें इसे खरीद सकते हैं.
सबकुछ प्रदर्शन पर निर्भर
कंपनी का कैपिटल बेस FPO के बाद विस्तार के लिए तैयार है. इश्यू के बाद ये मार्केट प्राइस को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी आने वाली तिमाहियों में कैसा प्रदर्शन करती है. बीएसई में दायर रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, 30 सितंबर, 2022 तक कंपनी पर अडानी एंटरप्राइजेज पर कुल 40,023.50 करोड़ रुपये की उधारी थी.
(नोट- शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)