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Adani Group Vs Hindnburg: 88 सवालों के 413 पन्नों में जवाब, 68 को अडानी बताया फर्जी, बाकी पर कही ये बात...

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च के 88 सवालों के जवाब 413 पन्नों में दिया है. अपने जवाब में कंपनी ने कहा कि उसे बदनाम करने के लिए ये रिपोर्ट सामने लाई गई है. रिपोर्ट झूठी धारणा से प्रेरित है. हम सभी नियमों का पालन करते हैं.

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हिंडनबर्ग के सवालों का अडानी ग्रुप ने दिए ये जवाब.
हिंडनबर्ग के सवालों का अडानी ग्रुप ने दिए ये जवाब.

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप (Adani Group) से 88 सवाल पूछे थे. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. इसके बाद अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों में हिंडनबर्ग के सवालों के जवाब दिया है. साथ ही अडानी समूह ने 88 में से 68 सवालों के फर्जी बताया. अडानी समूह की ओर से कहा गया कि 88 सवालों में से 68 प्रश्न फर्जी और भ्रामक हैं. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी और झूठे आरोपों’ के आधार पर बनी है.

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एनुअल रिपोर्ट में किया था खुलासा

अडानी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की जिस रिपोर्ट में 88 सवालों के जवाब मांगे गए हैं, उनमें से 65 का खुलासा कंपनी ने अपने एनुअल रिपोर्ट में किया है. हिंडनबर्ग ने ऑडिट फर्म को लेकर भी अडानी ग्रुप पर सवाल उठाए थे. इसपर कंपनी की ओर से कहा गया है कि जो ऑडिटर्स शामिल हैं, वो संबंधित वैधानिक संस्थाओं से सर्टिफाइड और क्वालीफाइड हैं. अडानी ग्रुप ने अपने जवाब में कहा कि दुनिया भर में शेयर गिरवी रखकर पैसा जुटाया जाता है. 

पुरानी बातों को दोहराया

413 पन्नों के जवाब में अडानी ग्रुप ने कहा कि रिपोर्ट ‘झूठी धारणा बनाने’ की ‘छिपी हुई मंशा’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके. अडानी ग्रुप ने कहा कि इन 88 सवालों में से कई ऐसे हैं, जो कोई नई बात नहीं बताते. ये सिर्फ उन पुरानी बातों को फिर से दोहरा रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया में गलत साबित हो चुकी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में डायमंड एक्सपोर्ट को लेकर झूठी कहानी बनाई गई है. 

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सुनियोजित हमला

अडानी समूह ने अपने जवाब में कहा कि हम सभी लागू नियमों और कानूनों का पालन करते हैं. अडानी ग्रप की सभी लिस्टेड कंपनियों के पास एक मजबूत गवर्नेंस फ्रेमवर्क है.' समूह ने कहा कि यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अनुचित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, और भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है.

बदनाम करने के लिए लगाए हैं आरोप

समूह ने अपने जवाब में कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप ‘झूठ के अलावा कुछ नहीं’ है. दस्तावेज चुनिंदा गलत सूचनाओं का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है, इसमें एक खास उद्देश्य से ग्रुप को बदनाम करने के लिए निराधार आरोप लगाए गए हैं. बड़ी संख्या में निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हुए शॉर्ट सेलिंग के जरिए मोटा मुनाफा कमाने के लिए हिंडनबर्ग सिक्युरिटीज झूठा बाजार बनाने की कोशिश कर रहा है.

अडानी समूह ने अपने जवाब में कहा कि अडानी समूह का IPO लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा IPO होगा. इससे पहले ठीक ऐसी रिपोर्ट जारी कर हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है. 

 

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