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भारत में ज्यादातर त्योहार अक्टूबर से दिसंबर के बीच मनाए जाते हैं और लोगों में सबसे ज्यादा उत्साह इन तीनों महीनों में देखने को मिलता है. ये साल का वह समय होता है, जब लोग छुट्टियां लेकर अपने दोस्त और परिवार के बीच जाकर त्योहार मनाना पसंद करते हैं. कोरोना की वजह से पिछले साल का त्योहारी सीजन तो बेकार चला गया, लेकिन इस साल जब डर कुछ कम है, लोग बड़ी संख्या में ट्रैवल के लिए निकल सकते हैं.
पिछले दो साल से कोरोना महामारी ने पूरे माहौल को बदल दिया है और लोग पहले के मुकाबले अब कम बाहर घूमने जा रहे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने दूसरी लहर के बाद कोरोना प्रोटोकॉल के कई नियमों में छूट देने के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय यात्रा को भी अनुमति दे दी है. इसे देखते हुए कई राज्यों ने भी अपने कोविड प्रोटोकॉल को लेकर पूरी तरह छूट दी है. लेकिन कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो अभी भी लोगों को दूसरे राज्यों से आगमन पर आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट या फिर दोनोंं वैक्सीन डोज का सर्टिफिकेट जमा करने को कह रहे हैं.
वैक्सीनेशन ने घटाया डर
इन सबके बावजूद, वैक्सीन का आ जाना और वैक्सीनेशन अभियान का तेजी से लागू होने के कारण लोगों में डर का माहौल कम हुआ है और लोग त्योहार मनाने के लिए बाहर घूमने की तैयारी में लगे हैं. देखा जाए तो, देश में त्योहारों के सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ने से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को एक बार फिर से बढ़ावा भी मिल सकता है.
पिछले साल, कई परिवारों ने कोरोना की दूसरी लहर की वजह से गर्मियों में किए गए बुकिंग को आखिरी मौके पर कैंसल कर दिया था. जिसका असर होटल की बुकिंग से लेकर हवाई, रेल यात्रा पर भी पड़ा था. ज्यादातर लोगों ने गर्मियों की छुट्टी के लिए प्री-बुकिंग करा रखी थी और दूसरी लहर मिड मई के बीच अचानक से पीक पर चला गया था. जिसके कारण लोगों को बुकिंग कैंसिल करनी पड़ी थी.
लोकल सर्किल्स ने किया रिसर्च
जैसे-जैसे देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आती दिखी और कोरोना प्रोटोकॉल में छूट की वजह से अर्थव्यवस्था वापस से पटरी पर आने लगी तो ऐसे दौर में लोकल सर्किल्स (LocalCircles) की टीम के द्वारा अगस्त से सितंबर के महीने में एक रिसर्च किया गया. जिससे ये पता लगा कि सर्वे में शामिल पिछले साल के त्योहारी सीजन के 19 फीसदी की जगह इस बार 46 फीसदी लोग अपनी यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं.
इस हफ्ते से दुर्गा पूजा, नवरात्रि की देश में तैयारियां शुरू हो जाएंगी. ऐसे में लोकल सर्किल्स ने अक्टूबर-दिसंबर के लिए किए गए सर्वे द्वारा ये पता लगाया कि लोगों में घूमने को लेकर कितना उत्साह है. अक्टूबर-दिसंबर त्योहार का सीजन होता है, ऐसे में घरेलू यात्रा को लेकर लोगों की क्या योजनाएं हैं? इसका जिक्र सर्वे में किया गया. लोकल सर्किल्स के सर्वे के मुताबिक 19,000 लोगों के जवाब आए, जिनमें भारत के 331 जिले के नागरिक शामिल हुए.
बनाया ट्रैवल का प्लान
सर्वे की मानेंं तो, इस साल ज्यादातर लोगों ने मार्च-अप्रैल के बीच गर्मियों की छुट्टी की बुकिंग की थी जो 25 फीसदी तक की थी. लेकिन अचानक कोरोना की तीसरी लहर के चलते लोगों को आखिरी वक्त पर टिकट कैंसल कराना पड़ा था. हालांकि, इस बार त्योहारों (Oct-Dec) के समय सर्वे में शामिल 46 फीसदी लोगों ने यात्रा करने का प्लान बनाया है जिनमें से सिर्फ 6 फीसदी लोगों ने इस बार घूमने के लिए बुकिंग करा ली है.
वहीं, सर्वे में शामिल 22 फीसदी लोगों ने इन तीन महीनों के बीच यात्रा करने का प्लान बनाया है लेकिन बुकिंग नहीं की है. 18 फीसदी लोगों ने यात्रा करने का सोचा है लेकिन उनका आखिरी मौके पर बुकिंग की योजना है. साथ ही, 38 फीसदी लोगोंं की इन तीन महीनों में कोई घूमने की योजना नहीं है. बाकी बचे 16 फीसदी लोगों का घूमने को लेकर कोई राय नहीं है.
हॉस्पिटैलिटी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को फायदा
इस तरह सर्वे में शामिल कुल मिलाकर 46 फीसदी लोग हैं जिन्होंने अक्टूबर से दिसंबर के बीच घूमने की योजना बनाई है. यात्रियों के आंकड़े के बढ़ने से न केवल होटल कारोबार में बढ़ोतरी होगी, बल्कि हवाई यात्रा, रेल, रोडवेज ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा और इससे कई दिनों से रुकी हुई टूरिज्म सेक्टर की तेजी पटरी पर वापस आती दिखेगी.
जैसे-जैसे देश में कोविड प्रोटोकॉल में छूट दी जा रही है और लॉकडाउन में कई हद तक डील दी गई है. ऐसा माना जा रहा है कि पिछले महीने अगस्त से सितंबर के मुकाबले अगले तीन महीने के अंदर 60 फीसदी की तेजी टूरिज्म सेक्टर में लोगों द्वारा यात्रा की बुकिंग के जरिए देखने को मिलेगी.
क्या कहते हैं सर्वे मेंं शामिल लोगों के आंकड़े
किन कारणों से आ रही है बुकिंग में तेजी
लोकल सर्किल के सचिन तापड़िया ने कहा, 'जनवरी-मार्च में जिस तरह से लोगों ने कोरोना की पहली लहर के बाद दोबारा घूमना शुरू किया था, ठीक उसी प्रकार फिर से यात्रियों के नंबर में तेजी देखने को मिल सकती है. वैक्सीनेशन का कार्य पूरे देश में काफी तेजी से हो रहा है. इसके बावजूद दिसंबर तक लोगों की एंटीबॉडी में कमी देखने की मिल सकती है. ऐसे में लोगों के बीच दिसंबर के बाद कोरोना का रिस्क फिर से बढ़ सकता है. या तो तीसरी लहर में कोरोना मामले बहुत तेजी से बढ़ेंगे या एक टेंपरेरी पीक होने की आशंका है. इसलिए लोगों में स्थिति बिगड़ने से पहले फिर से घूमने को लेकर एक उत्साह दिख रहा है.'
लोगों का उत्साह घूमने को लेकर इसलिए भी तेज हुआ है क्योंकि अब सभी राज्य कोरोना नियमों को लेकर काफी सख्त हो गए हैं. मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है. वैक्सीनेशन अभियान में आई तेजी के कारण वापस से लोगों में घूमने को लेकर कॉन्फिडेंस लौट आया है.
निर्मल बांग की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आने वाले समय में होटल कारोबार के डिमांड में तेजी देखने को मिलने की संभावना है. वहीं, RevPar यानी प्रति रूम आय में पिछले साल हुए गिरावट के मुकाबले इस साल थोड़ी कम कमी आएगी. साथ ही, जुलाई से सितंबर 2021 के बीच 50 फीसदी से ज्यादा की डिमांड ऑक्यूपेंसी देखी गई. आने वाले समय में टूरिज्म सेक्टर के डिमांड में त्योहारी सीजन, शादियों की वजह से फिर से एक तेजी देखने को मिलेगी. जिसका सकारात्मक असर होटल के कारोबार में भी आएगा.’
नोएडा में ट्रैवल कंपनी 'चलो इंडिया चलो' के मालिक रोनित लाहिड़ी बताते हैं, 'पहले लोगों में डर काफी था. इसलिए पिछले साल हमारे पास सिर्फ 50 फीसदी बुकिंग ही आई थी. लेकिन इस साल वैक्सीन के आ जाने से लोगों में डर का माहौल कम हो गया है. इस साल 70 फीसदी बुकिंग हुई है.'
सबसे ज्यादा बुकिंग इन डेस्टिनेशन के लिए
रोनित आगे बताते हैं कि-‘सबसे ज्यादा बुकिंग इस समय केदारनाथ, दुबई, मालदीव, गोवा, हिमाचल और मनाली के लिए किए जा रहे हैं. पिछले त्योहारी सीजन अक्टूबर से सितंबर के बीच केवल 50 फीसदी बुकिंग हुई थी. लेकिन अब 70 फीसदी बुकिंग हुई है. साथ ही, पिछले 1.5 साल में कारोबार भी ना के बराबर था और नुकसान की भरपाई कर पाना भी मुश्किल हो रहा था. इस साल लोगों में फिर से एक उत्साह लौटा है और टूर ऐंड ट्रेवल्स के कारोबार में 80 फीसदी तक की तेजी आई है.’
दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक टूर ऐंड ट्रैवल कंपनी में काम करने वाले मोहित टंडन बताते हैं, 'केदारनाथ की यात्रा की प्री बुकिंग एक महीने पहले ही कर ली गई थी. जिसका सकारात्मक असर अब अक्टूबर में पूरी तरह से हमारे कारोबार पर दिख रहा है. ज्यादातर लोगों ने दुबई एक्सपो के लिए भी बुकिंग कराया है. दुबई जाना लोगों के लिए हमेशा से सस्ता रहा है. ऐसे में ज्यादातर बुकिंग दुबई के लिए भी देखी जा रही है. पिछले साल के मुकाबले इस साल कारोबार में कुल 20 फीसदी की बढ़त देखी जा रही है.’
आईटी कंपनी में काम कर रहे संदीप भगत का कहना है कि-‘पहले ऑफिस के कारण कई लोग बाहर भी जाते थे, लेकिन अब वर्क फ्रॉम होम की वजह से दो साल से कहीं नहीं जा पा रहे. ये भी एक कारण है कि लोग किसी बहाने से दोस्तों और परिवार के साथ बाहर घूमने जाना चाहते हैं.’
दिल्ली के अनुभव ट्रैवल्स के मालिक अनिल कुमार का कहना है कि- ‘कोरोना से पहले 2019 में 80 फीसदी तक बुकिंग हो रही थी. लेकिन कोरोना ने टूरिज्म के पूरे माहौल को बदल दिया और अब 40 फीसदी यात्री ही बुकिंग करा रहे हैं. कारोबार में कोरोना की वजह से बहुत ज्यादा फर्क पड़ा है. लेकिन, लोग कोरोना काल में हुए लॉकडाउन की वजह से काफी फ्रस्ट्रेट हो चुके थे और इसलिए लोग अपने परिवार, दोस्तों के साथ रिलैक्स होना चाहते हैं. दोबारा से हमारा कारोबार पटरी पर लौट रहा है. कारण है कि, कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने से पहले लोग शहर से बाहर घूमना पसंद कर रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग हिमाचल, उत्तराखंड जाना पसंद कर रहे हैं.’
कई विशेषज्ञों द्वारा ये कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर से दिसंबर के बीच देखी जा सकती है. लेकिन, सभी राज्यों में इसका असर देखने को नहीं मिलेगा. अगर तीसरी लहर आई तो टूरिज्म कंपनियों को नुकसान फिर से झेलना पड़ सकता है क्योंकि, कई राज्य कोरोना के मामलों की वजह से लॉकडाउन से जुड़े कड़े नियमों को फिर से लागू कर सकती है, जिससे यात्रियों और टूरिज्म विभाग को इसका सामना करना पड़ सकता है. लेकिन फिलहाल बढ़ते वैक्सीनेशन की वजह से त्योहारों में टूरिज्म सेक्टर ने फिर से एक उड़ान की तैयारी कर ली है.