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Indian Wheat: 'सड़ा' गेहूं मामले में बड़ा खुलासा-जाना था नीदरलैंड, पहुंच गया तुर्की...अब खरीद रहा है मिस्र

Indian Wheat: भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस पाए जाने की वजह को बताकर तुर्की ने खेप को लेने से इंकार कर दिया था. मगर अब उसी गेहूं की खेप को एक अफ्रीकी देश के व्यापारी ने खरीद लिया है.

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गलती से तुर्की पहुंचा था ‘सड़ा’ गेहूं
गलती से तुर्की पहुंचा था ‘सड़ा’ गेहूं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था
  • प्रतिबंध से पहले तुर्की को भेजा गया गेहूं

तुर्की से इस सप्ताह लौटाए गए भारतीय गेहूं (Indian Wheat) को मिस्र (Egypt) के एक व्यापारी ने खरीद लिया है. तुर्की (Turkey) ने 56,877 टन भारतीय गेहूं को यह कहकर लौटा दिया था कि इसमें रूबेला वायरस (Rubella Disease) पाया गया है. मगर इस खेप को मिस्र के एक व्यापारी ने खरीदा है और जहाज अब गेहूं को लेकर इस अफ्रीकी देश की ओर रवाना हो गया है. अब तुर्की से गेहूं लौटाए जाने के मामले पर भारत सरकार ने बड़ा खुलासा किया है.

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जांच कर रहा केंद्र

भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस पाए जाने को बताकर तुर्की ने खेप को लेने से इंकार कर दिया था. हालांकि, तुर्की को भेजी गई गेहूं की खेप सीधे भारत से निर्यात नहीं की गई थी. इसे भारतीय कंपनी आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited)  ने नीदरलैंड स्थित एक कंपनी को बेच दिया था. उसके बाद ये तुर्की पहुंचा था.

जाना था हॉलैंड पहुंच गया तुर्की

वाणिज्य और उद्योग (Commerce and Industry) मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि गेहूं की खेप को हॉलैंड (Holland) जाना था, लेकिन हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि इसे किसने और कब तुर्की के लिए मोड़ दिया. गोयल ने कहा कि इस बात की जानकारी आईटीसी को भी नहीं थी. इसके अलावा गोयल ने कहा कि नीदरलैंड खाद्य और कृषि आयात नियमों के अनुसार गेहूं को मंजूरी दे दी गई है और केंद्र ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि नीदरलैंड से आए क्रेडिट लेटर के अनुसार गेहूं सभी तय मानकों को पूरा करता है.

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गेहूं का निर्यात बढ़ा

गोयल ने मीडिया को बताया कि भारतीय गेहूं की गुणवत्ता में किसी भी तरह की कमी नहीं थी. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2021 की तुलना में इस साल हमारा निर्यात (Wheat Export) पांच गुना बढ़ा है और अप्रैल 2022 में भारत ने 14.5 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. भारत द्वारा 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध (Wheat Export Ban) लगाने से पहले ही गेहूं की खेप भेजी गई थी.

भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था

'द हिंदू बिजनेस लाइन' के अनुसार, ऐसा अनुमान जताया गया है कि तुर्की को भेजे गए गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश से हुई थी, जहां पास्ता और मैकरोनी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खास तरह के गेहूं की खेती होती है. भारत ने 13 मई से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि पूरे देश में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ था.

तुर्की का राजनीतिक फैसला

एक ट्रेड एनालिस्ट का कहना है कि तुर्की जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही भारत से अलग-थलग पड़ा हुआ है. तुर्की ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि रूबेला इंसानों को होने वाला रोग है और ये अचानक फसलों में कैसे आ सकता है. ऐसे में तुर्की द्वारा गेहूं वापस करने का फैसला राजनीति से प्रेरित हो सकता है.

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विदेशों में किस रेट पर बिक रहा भारतीय गेहूं

अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूरोपीय संघ (EU) के गेहूं की कीमत लगभग 43 रुपये प्रति किलो है, जबकि भारतीय गेहूं 26 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. दोनों के बीच कीमतों में 17 रुपये प्रति किलो का अंतर है. भारत को छोड़कर अन्य सभी देश लगभग 450 डॉलर से 480 डॉलर प्रति टन के हिसाब से गेहूं बेच रहे हैं.

 

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