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Airtel चेयरमैन ने दिए टैरिफ प्लान बढ़ाने के संकेत, सरकार को दी ये सलाह

टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारत मित्तल ने कहा कि सरकार उद्योग जगत के साथ ज्यादा विवादों में नहीं उलझे.

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सुनील मित्तल ने कहा कि सरकार ज्यादा विवादों में नहीं उलझे
सुनील मित्तल ने कहा कि सरकार ज्यादा विवादों में नहीं उलझे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुनील मित्तल ने एजीआर बकाये पर भी दिया बयान
  • टेलीकॉम सेक्टर की समस्याओं को सुनने की अपील
  • अटल बिहारी वाजपेयी के दौर को भी किया याद

आने वाले वक्त में एयरटेल के उपभोक्ताओं को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है क्योंकि कंपनी के चेयरमैन सुनील मित्तल ने इसके संकेत दिए हैं. एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि 160 रुपये में 16GB डेटा एक त्रासदी है. इस कीमत पर आप या तो 1.6 GB डेटा का इस्तेमाल कीजिए, या फिर इसकी ज्यादा कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाइए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम अमेरिका और यूरोप की तरह 50-60 डॉलर नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन 2 डॉलर प्रति महीना निश्चित रूप से लंबे समय तक नहीं चलेगा. 

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सरकार को दी सलाह

सुनील मित्तल ने कहा कि सरकार को उद्योग जगत के साथ ज्यादा विवादों में नहीं उलझना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को उद्योगों के साथ ज्यादा विवाद नहीं करने चाहिये. मेरा मानना है कि जब किसी खास मामले में किसी एक स्तर पर वह हार जाते हैं तो जरूरी नहीं है उस मामले को उसके अंतिम बिंदु तक पहुंचाना ही है. ऐसा होने पर ये विवाद हमेशा के लिये चलते रहते हैं. ’’

क्यों दी सलाह?
दरअसल, एडजेस्ट ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर का मामला सरकार दूरसंचार क्षेत्र के न्यायाधिकरण टीडीसैट के स्तर पर हार गई थी लेकिन सरकार ने टीडीसैट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी और वहां जीत गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलीकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये की देनदारी बन गई.

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एजीआर पर क्या बोले?
सुनील मित्तल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी मुद्दे पर फैसला सरकारी याचिका के परिणाम स्वरूप ही आया है. इस फैसले की वजह से दूरसंचार उद्योग से काफी पैसा निकल गया. यह रकम ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार नेटवर्क खड़ा करने और 5जी प्रौद्योगिकी की शुरुआत करने में खर्च होती. वोडाफोन आइडिया का नाम लिये बिना मित्तल ने मौजूदा परिस्थितियों में उसके बने रहने को लेकर शंका जाहिर की है.

ये पढ़ें—सुनील मित्तल बोले- टेलीकॉम को खजाना भरने का सोर्स न समझे सरकार, टैक्स बोझ कम हो

मित्तल ने कहा, ‘‘मेरे मुताबिक सरकार को कुछ विवादों से निपटते समय कुछ ज्यादा साहस दिखाना चाहिए. यदि आप ‘विवाद से विश्वास’ योजना को देखेंगे तो यह उस दिशा में काफी अच्छा कदम है. इसी तरह की स्थिति दूरसंचार, बिजली, सड़क क्षेत्र में होनी चाहिए. हमारे समक्ष कई तरह के मुद्दे हैं.’’ मित्तल ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब भी उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए समझौता किया गया था. तब अरुण शौरी टेलीकॉम मिनिस्टर थे.

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