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'देश को चाहिए 10 हजार अंबानी और 20 हजार अडानी...' फिर बन जाएगा महाशक्ति!

अमिताभ कांत का कहना है कि देश में प्राइवेट सेक्टर के बिना विकास करना बेहद मुश्किल है. इसकी वजह है कि अगले 30 से 40 साल भारत को विकसित बनने के लिए 9 से 10 फीसदी की तेज रफ्तार से तरक्की करनी होगी.

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अमिताभ कांत का बड़ा बयान
अमिताभ कांत का बड़ा बयान

हाल ही में 15 अगस्त के भाषण में पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र (Development Country) बनाने का लक्ष्य रखा था. इस टारगेट तक पहुंचने के 25 साल में भारत को ऐसा बहुत कुछ कर गुजरना होगा जो यदा कदा ही देखने को मिलता है. इस लक्ष्य तक पहुंचने का एक फॉर्मूला नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने भी सुझाया है. कांत ने जी-20 देशों की एक बैठक में कहा कि भारत को विकास के लिए एक अंबानी और एक अडानी नहीं बल्कि 10 हजार अंबानी और 20 हजार अडानी की जरुरत है.

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विकसित राष्ट्र बनने के लिए चाहिए 10% विकास दर!
यहां अंबानी और अडानी के नाम का इस्तेमाल एक संकेत के तौर पर किया गया है. अमिताभ कांत का कहना है कि देश में प्राइवेट सेक्टर के बिना विकास करना बेहद मुश्किल है. इसकी वजह है कि अगले 30 से 40 साल भारत को विकसित बनने के लिए 9 से 10 फीसदी की तेज रफ्तार से तरक्की करनी होगी. ये तभी संभव है जब हर साल की विकास दर अगले साल 30-40 फीसदी की दर से बढ़े. यानी अगर इस साल 7 फीसदी विकास दर रहती है तो फिर इसका 30 फीसदी यानी 2.1 फीसदी अगले साल बढ़ना जरुरी है. लेकिन ये भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है. ये तभी मुमकिन है, अगर निजी सेक्टर और सरकार मिलकर इस दिशा में काम करें. उन्होंने कहा कि अगर निजी सेक्टर विकास नहीं करेगा और समृद्ध नहीं होगा तो फिर भारत की ग्रोथ संभव नहीं है.

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अंबानी-अडानी की मिसाल क्यों दी गई?
भारत की रियल जीडीपी का आकार करीब 150 लाख करोड़ रुपए है. वहीं अडाणी की कुल नेटवर्थ हुरुन रिच लिस्ट के हिसाब से 10,94,400 करोड़ रुपये है. वहीं अंबानी की कुल नेटवर्थ इस लिस्ट के मुताबिक 7,94,700 करोड़ रुपये है. 1 साल पहले तक अंबानी देश के सबसे अमीर शख्स थे और तब उनकी कुल नेटवर्थ 9 राज्यों की GDP से भी ज्यादा थी. ऐसे में इस तरह के ज्यादा से ज्यादा उद्योगपतियों की संख्या बढ़ने पर भारत के लिए भी विकसित देश बनना आसान हो जाएगा.

जी-20 की पहली बार अध्यक्षता करेगा भारत
नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने जी-20 की बैठक में कहा कि ये देशों का ही नहीं कारोबारियों का भी संगठन है. 1 दिसंबर से भारत अगले 1 साल के लिए जी-20 देशों की अध्यक्षता करेगा और अमिताभ कांत को भारत ने इसके लिए शेरपा नियुक्त किया है जो पीयूष गोयल की जगह लेंगे. इस बीच जी-20 देशों के कारोबारियों को संबोधित करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि हमें मौकों को फायदा उठाना होगा. अपने-अपने सेक्टर में विस्तार करना होगा क्योंकि ये एक ऐसा मौका है, जो हमें दोबारा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है. हमारा कोई भी ऐक्शन भविष्य में मौके के तौर पर तब्दील हो सकता है.

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इंडोनेशिया में G20 बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया में होनेवाली G20 बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. इसके बाद दिसंबर से भारत G20 की अध्यक्षता करेगा. G20 में ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका जैसे विकसित देश शामिल हैं. अगले साल 2023 में G20 का आयोजन भारत में होगा. इस आयोजन को सफल करने के लिए सरकार ने अभी से कोशिशें शुरु कर दी हैं.

अमिताभ कांत बने G20 शेरपा
G-20 का आयोजन भारत में होना एक बड़ा कार्यक्रम है. इसलिए भारत ने अमिताभ कांत को शेरपा की जिम्मेदारी सौंपी है. शेरपा का काम इस तरह के कार्यक्रम के लिए देश के अंदर सारी एजेंसियों और विदेशी एजेंसियों के बीच तालमेल बनाने का है. ऐसे में अमिताभ कांत के सामने ये एक बड़ी चुनौती है कि किस तरह से वो ये तालमेल बनाकर एक सफल आयोजन कर पाएंगे.

 

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