पूरी दुनिया इस वक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की क्रांति के शुरुआती दौर में है. हर कारोबार से लेकर आम जीवन तक के तमाम पहलुओं को किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर तेजी से काम चल रहा है. AI को लाने में जो कंपनी अगुवा है उसका नाम तो आपको पता ही होगा. हम OpenAI की बात कर रहे हैं. ओपनAI का ChatGPT एक आमतौर पर यूज किया जाने वाला टूल है. लेकिन, क्या आपको पता है कि OpenAI के लिए खुद टिक पाना एक बड़ी चुनौती है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये कंपनी दिवालिया हो सकती है. ऐसा हुआ तो चैटजीपीटी का टिक पाना भी मुश्किल हो जाएगा यानी आने वाले वक्त में OpenAI और चैटजीपीटी दोनों ही डूब सकते हैं.
अगले साल तक दिवालिया होगी ओपन आई?
असल में OpenAI ही दुनिया में AI क्रांति की असल सूत्रधार है और तमाम इन्वेस्टर्स इस कंपनी में मोटा पैसा लगा रहे हैं, ताकि AI से जुड़े प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके. लेकिन, ओपनAI को लेकर एक बड़ी रिपोर्ट आई है ऐसी रिपोर्ट जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल तक ये कंपनी दिवालिया हो जाएगी.
भारी खर्च बना नुकसान की वजह
अब ऐसा कैसे होगा और इस रिपोर्ट में क्या खास है ये सब आपको हम बताने जा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि OpenAI हर दिन 7 लाख डॉलर खर्च करती है. रुपयों में देखें तो ये खर्च करीब 5.8 करोड़ रुपये बैठता है. OpenAI ChatGPT को चलाने पर ये पैसा खर्च करती है. OpenAI के इन्वेस्टर्स जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और दूसरी कंपनियां शामिल हैं वे इस खर्च को अपनी जेब से चुका रही हैं. एनालिटिक्स इंडिया मैगजीन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर OpenAI जल्द ही प्रॉफिट में नहीं आती है तो कंपनी के इन्वेस्टर्स इसका खर्च उठाना बंद कर देंगे और OpenAI 2024 के अंत तक दिवालिया हो सकती है.
माइक्रोसॉफ्ट का ओपन एआई में निवेश
OpenAI के फाउंडर सैम ऑल्टमैन हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि माइक्रोसॉफ्ट का OpenAI में $10 अरब के इन्वेस्टमेंट से ही शायद ये कंपनी फिलहाल चल रही है. OpenAI ने 2023 में $20 करोड़ के रेवेन्यू का अनुमान जाहिर किया है और इसके 2024 में $1 अरब पर पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, ऐसा होना मुश्किल दिखाई देता है क्योंकि कंपनी के लॉस लगातार बढ़ रहे हैं.
दोगुना हुआ ओपन AI का घाटा
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी साल मई में OpenAI का लॉस दोगुना होकर 54 करोड़ डॉलर पहुंच गया. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भले ही CEO सैम ऑल्टमैन की OpenAI में कोई हिस्सेदारी नहीं है. लेकिन कंपनी काफी पहले ही नॉन प्रॉफिट से प्रॉफिट के लिए काम करने वाली कंपनी में तब्दील हो चुकी है.
ओपन AI के विज़िटर्स की संख्या घटी
ChatGPT के यूजर विजिट घट रहे हैं और ये एक बड़ी फिक्र की बात है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ChatGPT पर विजिट करने वालों की तादाद मई 2023 में 1.9 अरब के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थी. लेकिन, उसके बाद से जून में ये आंकड़ा घटकर 1.7 अरब और जुलाई में 1.5 अरब पर आ गया. कंपनी के लिए एक और चुनौती ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स GPU की कमी है. ऑल्टमैन ने GPU की कमी के चलते कंपनी को नए मॉडल्स को डिवेलप करने और उन्हें सुधारने में दिक्कत हुई है.
AI की सबसे बड़ी कंपनी होगी दिवालिया?
जाहिर है OpenAI जैसी बड़ी कंपनी जिसे माइक्रोसॉफ्ट का सपोर्ट है. उसके खुद को कारोबार में बनाए रखने को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो इस सेक्टर में मौजूद दूसरी कंपनियों के लिए तो और भी ज्यादा संकट पैदा हो सकता है. AI पर भले ही पूरी दुनिया की दीवानगी चरम पर है, लेकिन इन प्रोजेक्ट्स को चलानने वाली कंपनियों का खुद का वजूद रह पाएगा या नहीं, ये बड़ा सवाल है.