ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सुदूरवर्ती इलाकों में रह रहे मूलनिवासी लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए नई दिल्ली की झुग्गियों में कार्यरत एक भारतीय गैर सरकारी संगठन के कामकाज के मॉडल में दिलचस्पी जाहिर की है.
नई दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन ‘आशा फाउंडेशन’ की संस्थापक किरण मार्टिन पिछले सप्ताह अपने संगठन के कामकाज के सिलसिले में यहां आई थीं. मेलबर्न में उन्होंने गवर्नर जनरल पीटर कॉस्ग्रोव, प्रधानमंत्री के संसदीय सचिव और मूलनिवासी मामलों के मंत्री एलेन तुगे, सांसदों, वरिष्ठ अधिकारियों और कारपोरेट प्रायोजकों से मुलाकात की.
मार्टिन ने कहा कि उन्होंने भारत की राजधानी में वर्ष 1988 से झुग्गियों में शिक्षा, अवसरंचना, वित्तीय सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी देखरेख में सुधार के लिए काम कर रहे अपने गैर सरकारी संगठन के बारे में चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘कुछ महत्वपूर्ण सबक तो हैं जिन्हें साझा किया जा सकता है. वे यह देखना चाहते हैं कि आशा फाउंडेशन झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कैसे काम करता है.’ मार्टिन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया सरकार को संवेदनशील समुदाय के उत्थान के लिए उनमें ही संगठित स्वयंसेवा का सृजन कर कोशिश करनी चाहिए. ‘वे आधिकारिता की पहल पर आधारित कामकाज के हमारे तरीके को देखना चाहते हैं.’
मार्टिन ने बताया, ‘अगली पीढ़ी के लिए क्या बदलाव किए जा सकते हैं, इस बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है. इसके फॉलो अप के तौर पर मूलनिवासी मामलों के मंत्री एलेन तुगे इस साल अक्टूबर में नई दिल्ली आएंगे और कुछ नेताओं के साथ हमारे फाउंडेशन का दौरा करेंगे.’ उन्होंने कहा कि मंत्री और उनका दल आशा का कामकाज देखेंगे और शायद वे कुछ सीख भी लें.
मार्टिन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार मूलनिवासी समुदाय कल्याण को लेकर चिंतित है. उन्होंने कहा, ‘मूलनिवासी समुदाय पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया सरकार बड़ी रकम खर्च कर रही है लेकिन मुझे बताया गया कि फिर भी मानव विकास सूचकांक नीचे जा रहा है जो चिंता का विषय है.’ उन्होंने कहा कि हर देश और समुदाय अलग है लेकिन समुदायों के साथ काम करना सफलता की मुख्य कुंजी है.