ओलंपिक 2024 समाप्त हो चुका है, जिसमें भारत के खिलाड़ियों ने पूरा दम दिखाते हुए 7 मेडल देश के नाम जीता. अब बड़ी से लेकर छोटी कंपनियां ओलंपिक पदक विजेताओं को अपने ऐड का हिस्सा बनाना चाहती हैं. खासकर विनेश फोगाट को 15 ब्रांड्स अपने ऐड हिस्सा बनाने के लिए तैयार हैं. विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में सिर्फ 100 ग्राम वजन बढ़ने से मेडल जीतने से चूक गई थीं, लेकिन इनकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए दिग्गज कंपनियां इन्हें ऐड के लिए साइन करना चाहती हैं.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विनेश फोगाट और अन्य भारतीय एथलीटों को पैकेज्ड फूड, हेल्थ, न्यूट्रिशन, ज्वैलरी, बैंकिंग और एजुकेशन जैसी कैटेगरी में ब्रांड का चेहरा बनाने की होड़ मची हुई है. फोगाट की एंडोर्समेंट फीस 25 लाख से बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो चुकी है. सबसे ज्यादा नीरज चोपड़ा को फायदा हुआ है और फिर मनु भाकर को हुआ है.
पेरिस ओलंपिक में ये थे पॉपुलर भारतीय एथलीट
पदक नहीं जीतने के बावजूद, फोगट, जिन्होंने ओलंपिक की शुरुआत से पहले NIKE स्पोर्ट्सवियर और Country Delight डेयरी का विज्ञापन किया था, स्पष्ट रूप से भाला फेंक रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा और निशानेबाज मनु भाकर, दो कांस्य पदक जीतने वाले उत्कृष्ट भारतीय एथलीटों में से एक थे.
नीरज चोपड़ा और मनु भाकर की इतनी बढ़ी ब्रांड वैल्यू
वैल्यूएशन सर्विस प्रोवाइड कराने वाली ग्लोबल फाइनेंस एडवाइजर फर्म क्रॉल के अनुसार, नीरज चोपड़ा का ब्रांड वैल्यूएशन 30-40 प्रतिशत बढ़कर 40 मिलियन डॉलर या लगभग 330 करोड़ रुपये हो जाएगा, जो भारत में किसी नॉन-क्रिकेट एथलीट के लिए सबसे अधिक है. क्रॉल के अनुसार, 2023 तक, चोपड़ा का ब्रांड वैल्यू $29.6 मिलियन था.
मनु भाकर को थम्सअप ने एक साल के एंडोर्समेंट डील के लिए 1.5 करोड़ रुपये में साइन किया गया है. ओलंपिक से पहले इनकी फीस प्रति वर्ष 25 लाख रुपये प्रति डील थी. पेरिस खेलों से पहले, उन्होंने स्पोर्ट्सवियर निर्माता परफॉर्मैक्स एक्टिववियर का ऐड किया था.
किसकी कितनी एंडोर्समेंट फीस?
भारतीय एथलीट स्टार नीरज चोपड़ा की एंडोर्समेंट फीस में तगड़ी उछाल हुई है. उनकी एंडोर्समेंट फीस 3 करोड़ रुपये से बढ़कर 44.5 करोड़ सालाना प्रति डील हो चुकी है. जबकि मनु भाकर की एंडोर्समेंट फीस 25 लाख सालाना प्रति डील से बढ़कर 1.5 करोड़ रुपये हो चुकी है. इसी तरह, विनेश फोगाट की एंडोर्समेंट फीस 25 लाख सालाना से बढ़कर 75 लाख से 1 करोड़ रुपये हो चुकी है.