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New Rule: NPS सब्‍सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी...1 जुलाई से हो रहा बड़ा बदलाव, जानिए क्‍या होगा असर

नए नियम के तहत, अगर किसी सब्‍सक्राइबर ने किसी भी सेटलेंट डे पर सुबह 11 बजे तक अपना कॉन्ट्रिब्‍यूशन कर दे तो वह उसी दिन इनवेसट हो जाएगा और उसी दिन नेट एसेट वैल्‍यू (NAV) बेनिफिट का लाभ मिलेगा.

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National Pension System
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पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) 1 जुलाई से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) कस्‍टमर्स के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसका सीधा लाभ NPS सब्‍सक्राइबर्स को मिलेगा. पीएफआरडीए एनपीएस के तहत T+0 सेटलमेंट लागू करने जा रहा है, जो 1 जुलाई से प्रभाव में आ जाएगा.  नए नियम के तहत, किसी भी सेटलमेंट डे पर सुबह 11 बजे (T) तक ट्रस्टी बैंक द्वारा प्राप्त NPS योगदान उसी दिन निवेश किया जाएगा और ग्राहकों को उसी दिन NAV (नेट एसेट वैल्यू) का लाभ मिलेगा. 

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T+0 सेटलमेंट को आसान भाषा में समझें तो किसी भी निवेश या क्‍लेम पर सेम डे सेटलमेंट किया जाता है. इसी तरह, T+1 का मतलब क्‍लेम या निवेश करने के एक दिन बाद सेटलमेंट किया जाता है. PFRDA ने एनपीएस के तहत इसी तरह के नियम में बदलाव किया है और 1 जुलाई से T+0 सेटलमेंट लागू करेगा. 

नए नियम को आसान भाषा में समझें 
नए नियम को बेहतर तरीके से समझें तो अगर किसी सब्‍सक्राइबर ने किसी भी सेटलेंट डे पर सुबह 11 बजे तक अपना कॉन्ट्रिब्‍यूशन कर दे तो वह उसी दिन इनवेसट हो जाएगा और उसी दिन नेट एसेट वैल्‍यू (NAV) बेनिफिट का लाभ मिलेगा. अभी ट्रस्टी बैंक को मिलने वाले कॉन्ट्रिब्यूशन का इनवेस्टमेंट अगले सेटलमेंट डे पर होता है यानी T+1 सेटमेंट का नियम लागू है. 

नए सिस्‍टम के अनुसार, शेयरों में व्यापार उसी दिन निपटाया जाएगा, जिस दिन इनवेस्‍ट या सेल किया जाएगा. यानी कि शेयर तुरन्त निवेशकों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे, जबकि अमाउंट तुरन्त बेचने वाले निवेशक के अकाउंट में जमा कर दी जाएगी. 

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PFRDA ने अपने बयान में कहा कि किसी भी निपटान दिवस पर सुबह 9:30 बजे तक प्राप्त डी-रेमिट योगदान को पहले से ही उसी दिन निवेश के लिए माना जाता था. अब सुबह 11 बजे तक प्राप्त डी-रेमिट योगदान भी लागू एनएवी के साथ उसी दिन निवेश किया जाएगा. 

पहले क्‍या था नियम? 
इससे पहले योगदान अगले सेटलमेंट डे (T+1) पर निवेश किया जाता था, जिसका मतलब है कि निवेश किए जाने से पहले एक दिन की देरी होती थी. इसके अलावा, सुबह 9:30 बजे तक प्राप्त डी-रेमिट योगदान को पहले से ही उसी दिन निवेश के लिए माना जाता था. वर्तमान में, सुबह 11 बजे तक डी-रेमिट के माध्यम से प्राप्त योगदान भी उसी दिन निवेश किया जाएगा, जिसमें लागू नेट एसेट वैल्यू (NVA) का उपयोग किया जाएगा.

एनपीएस के पास इतने कस्‍टमर्स 
इस परिवर्तन का उद्देश्य निवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना तथा एनपीएस लेनदेन की दक्षता को बढ़ाना है. PFRDA ने 2023-24 में गैर-सरकारी क्षेत्रों से एनपीएस में 947,000 नए ग्राहक जोड़े, जिससे एनपीएस की AUM साल-दर-साल 30.5% बढ़कर 11.73 लाख करोड़ रुपये हो गईं. 31 मई 2024 तक कुल NPS ग्राहक आधार 180 मिलियन है. 

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