
देश में राशन कार्ड (Ration Card) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है, जो नागरिक की पहचान और रेजिडेंशियल प्रूफ के लिए तो आवश्यक है ही, बल्कि इसके अलावा सब्सिडी वाला खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए जरूरी होता है. राशन कार्ड की जरूरत कई जगह पड़ती है, फिर चाहे राशन की दुकान से सरकारी योजना के तहत खाद्यान्न लेना हो या फिर बैंक अकाउंट खुलवाने, स्कूल व कॉलेज में, कोर्ट कचहरी में, सरकारी और निजी कार्यालयों में उपयोग के लिए. सरकार कई तरह के राशन कार्ड लोगों को जारी करती है. इन Ration Card के अलग-अलग रंगों के मुताबिक अलग-अलग विशेषताएं होती हैं. आम तौर पर परिवार की आय के आधार पर राशन कार्ड जारी किया जाता है. आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से...
आधार के आने से पहले सबसे बड़ा प्रूफ
आधार कार्ड (Aadhar Card) के आने से पहले राशन कार्ड की काफी ज्यादा अहमियत थी, हालांकि ये अभी भी बहुत है. न केवल सरकारी राशन, बल्कि नागरिकता साबित करने का अहम प्रूफ माना जाने वाले ये कार्ड गरीबों के साथ ही समृद्ध परिवारों के लिए भी जरूरी होता है. राशन कार्ड राज्य सरकार की तरफ से जारी किया जाता है. इसलिए अलग-अलग राज्यों के राशन कार्ड में आपको अंतर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा इन कार्डों पर मिलने वाले सरकारी फायदे भी राज्यों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं.
भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त राशन कार्ड 4 प्रकार के होते हैं, जिनकी पहचान अलग-अलग रंगों से होती है. इनमें नीला (Blue), गुलाबी (Pink), सफेद (White) और पीला (Yellow) राशन कार्ड शामिल हैं. इन्हें अलग-अलग आय वर्ग के लोगों को जारी किया जाता है.
नीला-हरा-पीला राशन कार्ड
गरीबी रेखा (Poverty Line) से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों के लिए जारी किए जाने वाले राशन कार्ड का रंग नीला, हरा, या पीला होता है, ये रंग राज्य या संघीय क्षेत्र के आधार पर तय होते हैं. इस कार्ड पर अधिकतम लाभ की अनुमति मिलती है और ये उन परिवारों के लिए जारी किया जाता है, जिनके पास LPG कनेक्शन तक नहीं है. ग्रामीण इलाकों में सालाना 6400 रुपये तक की आमदनी वाले परिवार को यह राशन कार्ड जारी होता है. वहीं शहरी इलाकों में अधिकतम 11,850 रुपये सालाना आमदनी वाला परिवार यह राशन कार्ड बनवा सकता है.
गुलाबी राशन कार्ड
Pink Ration Card उन परिवारों को जारी किया जाता है, जिनकी कुल वार्षिक आय गरीबी रेखा से ऊपर होती है. ग्रामीण इलाकों में 6,400 रुपये सालाना से ज्यादा आमदनी वाले परिवार को यह कार्ड जारी किया जाता है. वहीं शहरी क्षेत्रों में सालाना 11,850 रुपये से ज्यादा आमदनी वाले परिवार यह गुलाबी रंग का राशन कार्ड बनवा सकते हैं. इस कार्ड पर परिवार के मुखिया की फोटो भी लगी होती है.
अंत्योदय अन्न योजना राशन कार्ड
यह खास तरह का राशन कार्ड होता है. इस कार्ड को सरकार अत्यंत गरीब कैटेगरी में शामिल परिवारों के लिए जारी करती है. यानी ऐसे परिवार जिनके पास किसी प्रकार की नियमित आय का साधन नहीं होता है, उन्हें मदद देने के लिए सरकार यह कार्ड जारी करती है. इस कैटेगरी में मजदूर, बुजुर्ग और बेरोजगार आते हैं.
सफेद राशन कार्ड
यह कार्ड उन परिवारों को जारी किया गया है, जो आर्थिक रूप से मजबूत होते है और जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की कोई जरूरत नहीं होती है. इस राशन कार्ड का उपयोग ज्यादातर आइडेंटिटी यानी पहचान और एड्रेस प्रूफ के रूप में किया जाता है. इस राशन कार्ड को भारत का कोई भी नागरिक ले सकता है. इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर राशन लेने के लिए नहीं, बल्कि आपकी पहचान साबित करने के लिए किया जाता है.
खाद्यान की मात्रा और कीमत राज्यों में अलग
देश में गरीबों की तादाद काफी अधिक है और जीवन-यापन के लिए इन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन गरीब परिवारों को सरकार राशन सहायता प्रदान करती है. इसके लिए देशभर में सरकारी राशन की दुकानें संचालित की जाती हैं. इन दुकानों पर अलग-अलग राशन कार्ड के तहत अलग-अलग मात्रा से राशन दिया जाता है. जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवारों (BPL) को राशन कार्ड के जरिए 10 से 20 किलो राशन प्रतिमाह बिल्कुल कम कीमत में दिया जाता है. हालांकि, राशन की मात्रा और कीमत अलग अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है.
गरीबी रेखा के ऊपर जीवन यापन करने वालों के लिए जारी किए जाने वाले APL Ration Card पर 10 से 20 किलो राशन प्रतिमाह प्रति परिवार को दिया जाता है. राशन की कीमत राज्य सरकारें तय करती हैं और इसके चलते अलग-अलग राज्यों में अनाज की कीमत भिन्न हो सकती है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत Annapoorna Yojana (AY) राशन कार्ड भी जारी किए जाते हैं. ये कार्ड गरीब और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए होता है. कार्ड पर 10 किलो प्रतिमाह राशन मिलता है.