तगड़ी कमाई कराने के बजाय निवेशकों को कंगाल बनाने वाली ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) के शेयर आधे से भी कम दाम में मिल रहे हैं. सालभर में ही शेयरों की कीमत 50 फीसदी तक टूट गई है. विशेषज्ञों ने इसे Buy रेटिंग दी है. इनका कहना है कि कंपनी के शेयरों को तुरंत खरीदना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
इस साल रोज बनाया गिरने का रिकॉर्ड!
Zomato कंपनी के लिए साल 2022 अच्छा साबित नहीं हुआ है. इस साल अब तक फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों की कीमत आधे से ज्यादा घट चुकी है. जोमैटो की स्टॉक मार्केट में धमाकेदार एंट्री हुई थी, लेकिन लिस्टिंग के कुछ महीनों के बाद इसके शेयरों ने ऐसा गोता लगाया कि निवेशक अब तक संभल नहीं पाए हैं. वहीं ब्लिंकिट डील के बाद से तो शेयरों ने हर रोज गिरने का नया रिकॉर्ड बनाया. बीते 27 जुलाई 2022 को शेयर 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर 40.55 रुपये को छू गया था.
शेयर बाजार में हुई थी शानदार लिस्टिंग
पिछले साल 2021 में कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लॉन्च किया था. जोमैटो का आईपीओ 14 जुलाई से 16 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था. इस आईपीओ को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली थी. इसे 38.25 गुना से अधिक सब्सक्राइब किया था. Zomato IPO का प्राइस बैंड 72 रुपये से 76 रुपये था. इसके बाद जोमैटो के शेयर 23 जुलाई 2021 को शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे.
BSE पर इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस के मुकाबले 65.59 फीसदी प्रीमियम के साथ 125.80 रुपये पर हुई थी. 16 नवंबर 2021 को बीएसई पर जोमैटो के शेयर अपने ऑल टाइम हाई 169.10 रुपये के स्तर पर पहुंच गए थे. लेकिन इसके बाद जो गिरावट शुरू हुई, उसने निवेशकों का हाल-बेहाल कर दिया.
कुछ रिकवरी भी देखने को मिली
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को दोपहर 12 बजे तक जोमैटो के शेयर 1.59 फीसदी की तेजी के साथ 64 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. अगर ऑल टाइम हाई से तुलना करें तो कंपनी के 105.1 रुपये सस्ता हो चुका है. वहीं इस साल की बात करें तो इस शेयर की कीमत आधी रह गई है. हालांकि, कुछ समय से जोमैटो के शेयरों में रिकवरी भी देखने को मिली है. इसके ऑल टाइम लो लेवल से तुलना करें तो कंपनी के शेयरों की कीमत में 23.45 रुपये का सुधार आया है.
Blinkit के साथ डील पड़ी भारी
ऑनलाइन फूड डिलिवरी की सेवाएं देने वाली कंपनी Zomato के लिए Blinkit से हाथ मिलाना भी घाटे का सौदा साबित हुआ. इस डील पर मुहर लगने के बाद से इसके शेयरों में जारी गिरावट का सिलसिला और भी तेज हो गया. जोमैटो द्वारा ब्लिंकिट के आधिग्रहण की मंजूरी देने के महज चार कारोबारी सत्रों में ही निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये स्वाहा हो गए थे.