केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) को जोरदार तोहफा दिया है. सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में चार फीसदी का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद डीए 38 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी पर पहुंच गया है. डीए में हुई बढ़ोतरी एक जनवरी से लागू होगी. यानी कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी का एरियर भी मिलेगा. इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 47.58 लाख कर्मचारियों और 69.76 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. डीए में यह बढ़ोतरी 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के बाद की गई है.
पहली छमाही के लिए हुआ इजाफा
डीए और डीआर में ये बढ़ोतरी जनवरी 2023 से लेकर जून 2023 यानी पहली छमाही के लिए हुई है. इस ऐलान से सरकार पर हर साल 12,815 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा. सरकार हर छह महीने पर कर्मचारियों के डीए में इजाफा करती है. महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा होता है. महंगाई दर को देखते हुए केंद्र सरकार कर्मचारियों के डीए में इजाफा करती है. महंगाई जितनी अधिक होगी, डीए में बढ़ोतरी उतनी ही अधिक होती है.
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी?
डीए में हुई चार फीसदी की बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी इसे भी समझ लेते हैं. मान लीजिए कि किसी केंद्रीय कर्मचारी का बेसिक पे 18,000 रुपये है. अगर 38 फीसदी के हिसाब से देखें, तो डीए 6,840 रुपये बनता है. वहीं, अगर 42 फीसदी के हिसाब से देखें, तो ये 7,560 रुपये बनेगा. यानी कर्मचारी की सैलरी में 720 रुपये की बढ़ोतरी होगी.
अधिकतम बेसिक-पे के हिसाब से देखा जाए, तो 56,000 रुपये के आधार पर महंगाई भत्ता 21,280 रुपये बनता है. अब इसमें चार फीसदी की बढ़ोत्तरी के हिसाब से देखा जाए, तो ये उछलकर 23,520 रुपये हो जाएगा. इस तरह सैलरी में 2,240 रुपये का इजाफा होगा.
17 फीसदी से 42 फीसदी पर पहुंचा डीए
इससे पहले सरकार ने पिछली छमाही में भी डीए में चार फीसदी का इजाफा किया था, जिससे डीए 34 फीसदी से 38 फीसदी हुआ था. सरकार ने मार्च 2022 में कर्मचारियों के डीए में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़ोतरी के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़कर 34 फीसदी पर पहुंच गया था.
बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में लंबे समय बाद जुलाई 2021 में बढ़ोतरी करते हुए इसे 17 फीसदी से 28 फीसदी किया था. इसके बाद अक्टूबर 2021 में एक और 3 फीसदी का Hike देते हुए इसे 31 फीसदी किया गया था.