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SBI ने बताया, चीन से कैसे कम होगा भारत का आयात

एसबीआई के मुताबिक भारत को चीन से आयात कम करने के लिये एक नपा-तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत—चीन के बीच कारोबारी रिश्तों में तनाव बढ़ा
  • भारत सरकार ने चीन के खिलाफ लिए हैं कई फैसले

भारत और चीन के बीच कारोबारी रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है. आर्थिक मोर्चे पर भारत की ओर से तमाम कड़े फैसले लिए गए हैं. इस बीच, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में बताया गया है कि कैसे चीन पर निर्भरता कम किया जा सकता है.

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क्या कहा गया है रिपोर्ट में?


एसबीआई के मुताबिक भारत को चीन से आयात कम करने के लिये एक नपा-तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. क्योंकि पड़ोसी देश भारत में महंगे और सस्ते दोनों तरह के माल के बाजार में मजबूत पैठ बना चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘स्पष्ट रूप से, चीन ने धीरे-धीरे और लगातार भारत में उच्च व निम्न-मूल्य दोनों श्रेणियों के आयात में अपनी एक ठोस जगह बना ली है. ऐसे में हमें चीन से आयात को अचानक रोक देने के बजाया नपा तुला दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.'' 

एसबीआई की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले से घरेलू आईटी सेक्टर को अपनी क्षमताएं विकसित करने के अवसर मिलेंगे.  रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत चीन की तुलना में दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं की अधिक मात्रा में निर्यात करता है. हालांकि, चीन तेजी से पकड़ बना रहा है और भारत को फुर्ती दिखाने की जरूरत है.” 

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आयात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में माहौल बना

रिपोर्ट के मुताबिक सीमा पर टकराव के बाद अब चीन से आयात पर प्रतिबंध लगाने के बारे में व्यापक माहौल बना है. भारत को कुछ ऐसे उत्पादों के आयात पर निश्चित तौर पर रोक लगाना चाहिये, जिनमें भारत के पास चीन की तुलना में बेहतर स्थिति है और जो घरेलू लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की मदद कर सकें.

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रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत बहुत सारे उत्पादों के लिये चीन पर निर्भर है. उदाहरण के लिये, 1996-97 में 22 ऐसी श्रेणियां थीं, जिनमें भारत ने चीन से कुछ भी आयात नहीं किया था, लेकिन 2019-20 में इनका आयात का मूल्य लगभग 50 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया. 

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