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Tupperware, Amway और Oriflame जैसी कंपनियों की Pyramid स्कीम्स पर सरकार ने क्यों लगाया बैन?

सरकार ने टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की पिरामिड स्कीम को बैन कर दिया है. डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए सरकार ने नए नियम अधिसूचित किए हैं और ये 90 दिन अंदर लागू हो जाएंगे.

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Pyramid स्कीम्स पर लगा बैन (Representative
Pyramid स्कीम्स पर लगा बैन (Representative
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कमीशन पर चलता है पिरामिड स्कीम बिजनेस
  • बिना पहचान सामान नहीं बेच सकेंगे डायरेक्ट सेलर्स
  • ग्राहक से मिलने से पहले लेना होगा अपॉइंटमेंट

सरकार ने टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की पिरामिड स्कीम को बैन कर दिया है. डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए सरकार ने नए नियम अधिसूचित किए हैं और कंपनियों को 90 दिन के भीतर इनके हिसाब से खुद को तैयार करना होगा.

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ग्राहकों की सुरक्षा के लिए लगाया बैन
सरकार ने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए Tupperware, Amway और Oriflame जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों की पिरामिड स्कीम पर बैन लगाया है. नए नियमों के मुताबिक कंपनी के डायरेक्ट सेलर्स जो भी सामान या सेवा की बिक्री करेंगे, उसे लेकर होने वाली शिकायत की जिम्मेदारी इन कंपनियों की होगी. इसके लिए राज्य सरकारें एक व्यवस्था कायम करेंगी जो डायरेक्ट सेलर्स और डायरेक्ट सेलिंग करने वाली इकाइयों की गतिविधियों की निगरानी करेंगी.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम-2021 को नोटिफाई किया है. इसके दायरे में डायरेक्ट सेलर्स के साथ-साथ ई-कॉमर्स वेबसाइट पर इन कंपनियों के सामान की बिक्री करने वाली डायरेक्ट सेलिंग इकाइयां भी आएंगी.

क्या होती है पिरामिड स्कीम?
Tupperware, Amway और Oriflame जैसी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अपने ग्राहकों को ही आपस में सेलर बनाने का काम करती हैं. इस तरह वह एक ग्राहक के साथ अन्य ग्राहक को जोड़कर पिरामिड बनाती जाती हैं. इस स्कीम में ग्राहकों को सामान की बिक्री पर कमीशन मिलता है. 

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नए नियम से होगा ये बदलाव
अब इन कंपनियों के इस तरह से काम करने पर रोक रहेगी. वहीं नए नियम के हिसाब से अब इनमें से किसी भी कंपनी का डायरेक्ट सेलर बिना पहचान पत्र के किसी ग्राहक के घर जाकर सामान नहीं बेच सकेगा. साथ ही उसे अगर ग्राहक से मिलना है तो पहले अपॉइंटमेंट लेना होगा. वहीं डायरेक्ट सेलर अपनी तरफ से ऐसा कोई दस्तावेज या ब्रॉशर ग्राहक को नहीं सौंपेगा जो कंपनी से मान्य ना हो, ना ही अपनी तरफ से किसी तरह का कोई दावा करेगा. इतना ही नहीं उसे अपनी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी का नाम, पता वगैरह भी ग्राहक को बताना होगा. साथ ही वह जो सामान या सेवा ग्राहक को बेच रहा है उसकी कीमत, पेमेंट का तरीका, रिटर्न, एक्सचेंज, रिफंड और आफ्टर सेल सर्विस इत्यादि से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी.

मनी सर्कुलेशन पर भी रहेगा बैन
सरकार ने ना सिर्फ इस तरह की कंपनियों के उत्पादों की पिरामिड स्कीम को प्रतिबंधित किया है. बल्कि डायरेक्ट सेलिंग मॉडल के तहत ही की जाने वाली मनी सर्कुलेशन स्कीम्स पर भी रोक लगाई है. डायरेक्ट सेलिंग से जुड़े ये नए नियम हर तरह के सामान और सेवा की प्रत्यक्ष बिक्री पर लागू होंगे. पीटीआई ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि ये पहली बार है जब उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए नियम बनाए गए हैं. अगर ये कंपनियां इन नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें कानून के हिसाब से सजा मिलेगी.
 

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