
एक पॉपुलर मसाला ब्रांड है महाशियां दी हट्टी (MDH), जिसके संस्थापक थे महाशय धर्मपाल गुलाटी. टीवी कमर्शियल ने महाशय धर्मपाल गुलाटी को देश में एक अलग ही पहचान दी थी. सिर पर पगड़ी बांधे और बड़ी मूछों के साथ वो अपने मसाला ब्रॉन्ड MDH का प्रचार किया करते थे. उनकी छवि लगभग सभी के दिमागों पर छप सी गई. आज महाशय धर्मपाल गुलाटी का 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है. दिसंबर 2020 में 98 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. उन्हें 'एमडीएच अंकल', 'दादाजी', 'मसाला किंग' और 'किंग ऑफ स्पाइस' के नाम से जाना जाता था. मसाला किंग महाशय धर्मपाल गुलाटी ने एक छोटी सी दुकान से मसालों का बिजनेस शुरू कर इसे एक बड़े ब्रांड में बदल दिया था.
MDH के विज्ञापनों में कौन आ रहा नजर?
धर्मपाल गुलाटी के निधन के बाद एमडीएच ब्रांड की विरासत को बनाए रखना एक मुश्किल काम था. इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल ये था कि ब्रांड के विज्ञापनों में महाशय गुलाटी की जगह कौन लेगा? अगर आपने MDH के हाल के विज्ञापनों को देखा होगा, तो इसमें एक नया चेहरा नजर आता है. एमडीएच मसालों के नए विज्ञापनों में दिखने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि धर्मपाल गुलाटी के बेटे राजीव गुलाटी हैं. एमडीएच मसालों के नए विज्ञापन में वही नजर आ रहे हैं.
राजीव गुलाटी ने संभाला कारोबार
धर्मपाल गुलाटी के निधन के बाद एमडीएच के कारोबार को उनके बेटे राजीव गुलाटी ने संभाल लिया है. आज MDH भारत के सबसे बड़े उत्पादकों और ब्रांडेड मसालों के विक्रेताओं में से एक है. धर्मपाल गुलाटी ने कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचाया, जो MDH के टेलीविजन और प्रिंट विज्ञापनों में एक घरेलू नाम और चेहरा बन गए थे. कंपनी अब अमेरिका, कनाडा, यूरोप, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण पूर्व एशिया, जापान और अमेरिका में अपने मसलों का निर्यात करती है.
MDH को इंटरनेशनल मार्केट में पहुंचाया
राजीव गुलाटी MDH के संस्थापक और पूर्व सीईओ धर्मपाल गुलाटी के बेटे हैं. वह काफी लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं और उन्हें मसाला ब्रांड को अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और अन्य इंटरनेशनल मार्केट में पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. राजीव गुलाटी ने शारजाह में कंपनी की नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. राजीव गुलाटी फिलहाल MDH के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. पिता धर्मपाल गुलाटी के निधन के बाद उन्हेंने MDH के कारोबार को संभाल लिया है.
बंटवारे के वक्त भारत आए थे धर्मपाल गुलाटी
धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1927 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था. उनके पिता ने साल 1919 में सियालकोट में मसालों का एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया था. धर्मपाल गुलाटी बेहद कम उम्र में ही अपने पिता की छोटी सी मसाले की दुकान के व्यवसाय में शामिल हो गए. उन्होंने 5वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ दी थी. फिर 1947 में बंटवारे के वक्त वो भारत आ गए. तब उनकी जेब में मात्र 1500 रुपये थे.
करोल बाग में खोली पहली दुकान
शुरुआत में उन्होंने जीवन यापन के लिए कुछ छोटे-मोटे काम किए. 650 रुपये में एक तांगा खरीदकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड के बीच तांगा भी चलाया. इस तरह पैसे जोड़कर उन्होंने दिल्ली के करोल बाग में उसी नाम से एक दुकान खोली जिस नाम से उनका परिवार सियालकोट में कारोबार चला रहा था. वहां से एमडीएच की शुरुआत हई. साल 1959 में एमडीएच को कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था.
आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं. इन फैक्ट्रियों में तैयार एमडीएच मसाले दुनियाभर में पहुंचते हैं. एमडीएच के 62 प्रॉडक्ट्स हैं. कंपनी उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार पर कब्जे का दावा करती है.