कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने अपने 78 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को राहत देते हुए नियमों में कई तरह के बदलाव (Rule Change) किए हैं. इनमें एक सुविधा है डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट यानी DLC, जिसने पेंशन प्रोसेस बेहद आसान बनाया है. दरअसल, ईपीएफओ बायोमेट्रिक आधारित डीएलसी स्वीकार करता है. इसके लिए पेंशनभोगी को किसी बैंक, डाकघर या कॉमन सर्विस सेंटर के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि हर साल जीवन प्रमाण पत्र घर बैठे ही सब्मिट हो जाता है.
लगातार बढ़ रही यूजर्स की संख्या
EPFO की इस सर्विस का इस्तेमाल करने वाले पेंशनर्स की तादाद में लगातार इजाफा होता जा रहा है. बीते 8 जून को PIB द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों पर गौर करें, तो फेशियल ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित डीएलसी जमा कराने वाले पेंशनर्स की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 2.1 लाख थी, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में ये तेजी से बढ़कर 6.6 लाख हो गई. यानी सालाना आधार पर इसमें तीन गुना का उछाल आया है.
ऑफिसों के चक्कर लगाने से मिली निजात
Digital Life Certificate ने पेंशनर्स को ये बड़ी सुविधा दी है और पहले उन्हें जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए ऑफिसों के जो चक्कर काटने पड़ते थे, उसका झंझट ही खत्म कर दिया है. इस जरूरी काम को अब घर बैठे फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) की मदद से जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जा सकेगा. लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने में पेंशनर्स को आने वाली तमाम परेशानियों और लगातार मिलने वाली शिकायतों के चलते EPFO ने साल 2015 में अपने पेंशनधारकों के लिए डीएलसी सर्विस मुहैया कराई थी.
साल 2022 में FAT की सुविधा
बुजुर्ग पेंशनर्स को होने वाली परेशानियों के चलते साल 2022 में MeitY और UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) विकसित की है. इसकी मदद से पेंशनर्श घर बैठे अपने स्मार्टफोन की मदद से लाइफ सर्टिफिकेट सब्मिट कर सकते हैं. इसमें चेहरे के स्कैन से पेंशनभोगी की पहचान झट से हो जाती है. दरअसल, UIDAI फेस रेकग्निश्न ऐप के इस्तेमाल से यूडीएआई आधार डेटाबेस पहचान का काम करता है. इसका प्रोसेस भी आसान है.
सर्विस का इस्तेमाल बेहद आसान
Facial Authentication Technology का इस्तेमाल करने के लिए स्मार्टफोन में आधार फेस आरडी (Aadhaar Face RD) और 'जीवन प्रमाण' (Jeevan Pramaan) ऐप इंस्टॉल करना होगा. इसके बाद दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर फेस स्कैन किया जाता है. स्कैनिंग पूरा होने के बाद जीवन प्रमाण आईडी (Jeevan Pramaan ID) और पीपीओ नंबर (PPO number) के साथ मोबाइल स्क्रीन पर डीएलसी सबमिशन की पुष्टि हो जाती है और घर बैठे ही ये काम हो जाता है.