कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पेंशन देने की उम्र सीमा 58 से बढ़ाकर 60 साल करने जा रहा है. इससे प्रॉविडेंट फंड में योगदान करने वालों को रिटायर होने पर कहीं ज्यादा राशि मिलेगी. संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को यह पेंशन उनके ही अंशदान से मिलता है और यह राशि ज्यादा नहीं है.
फंड की शीर्ष संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) बुधवार को इस पर फैसला करेगी. इम्पलॉइज पेंशन स्कीम (ईपीएस-95) के तहत इस समय कर्मचारियों को 58 वर्ष की उम्र में ही पेंशन दे देने का प्रावधान है. इसके बाद उनसे कोई योगदान नहीं लिया जाता है. लेकिन ज्यादातर कर्मचारी 60 साल पर रिटायर होते हैं. इसके अलावा इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि बेहद कम है जिसका कोई फायदा कर्मचारी को नहीं मिलता है. इसके अलावा प्रॉविडेंट फंड में योगदान के लिए कोई उम्र सीमा नहीं है और कर्मचारी किसी भी उम्र तक योगदान कर सकते हैं.
अब बुधवार को सीबीटी की एक बैठक होगी जिसमें यह फैसला लिया जाएगा. सरकारी पक्ष का कहना है कि अभी कर्मचारियों को बहुत कम पेंशन मिलता है और अगर उनके योगदान की उम्र सीमा बढ़ा दी जाए तो उन्हें ज्यादा राशि मिलेगी.
इसके अलावा सीबीटी इस बात पर भी विचार करेगा कि पेंशन स्कीम के लिए दो साल के बोनस को रखा जाए या नहीं. यह बोनस 20 साल की सर्विस के बाद मिलेगा.