हमारी जिंदगी में मिली हर पहली चीज बेहद ही खास होती है. पहला मोबाइल, पहला पर्स और पहली साइकिल... कितनी खास होती है हर वो चीज, जो पहली बार हमें मिलती है. इसी तरह हमारी पहली सैलरी (First Salary) भी बहुत खास होती है. लेकिन इस खास सैलरी को आप बेहद खास बना सकते हैं, जो आपको उम्रभर याद रहेगी. इसके लिए आपको एक प्लानिंग करनी होगी और खाते में सैलरी के आते ही उसे अप्लाई कर देना होगा. फिर आप अपनी पहली सैलरी को कभी नहीं भूल पाएंगे.
सबसे पहले करें ये काम
तो आपको करना ये है कि जैसे ही आपके खाते में पहली सैलरी क्रेडिट हो. उसे दो हिस्सों में डिवाइड कर दें. पहला हिस्सा खर्च के लिए रखें और दूसरे को बचत की कैटेगरी में डाल दें. चूंकि पहली सैलरी है, तो माता-पिता को गिफ्ट देना तो बनता ही है. तो खर्च वाले हिस्से की राशि से उनके लिए एक प्यारा सा गिफ्ट खरीद लें.
निवेश की करें शुरुआत
इसके बाद आप पहली सैलरी से निवेश करने की शुरुआत कर दें. अगर आप रिस्क ले सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना शुरू कर दें. अगर किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसे जमा करें. लेकिन निवेश की शुरुआत जरूर कर दें. इसे अपनी आदत बना लें और हर महीने जैसे ही सैलरी क्रेडिट हो, तो उसे निवेश वाले हिस्से में जमा कर दें. इस तरह से निवेश की शुरुआत लंबे समय में आपके लिए एक मजबूत फंड जमा करने में मदद करेगी.
हेल्थ इंश्योरेंस
अपनी पहली सैलरी से एक हेल्थ इंश्योरेंस भी जरूर ले लें. क्योंकि एक गंभीर बीमारी आपकी सारी जमा-पूंजी को खत्म कर सकती है. इन दिनों इलाज इतना महंगा है कि आप कर्ज के दलदल में भी फंस सकते हैं. इसलिए अपनी पहली सैलरी से एक हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेकर बेफिक्र हो जाएं. क्योंकि जब भी आप बीमार पड़ेंगे, तो इलाज के लिए आपको अपनी सेविंग के हिस्से को खर्च नहीं करना पड़ेगा.
रिटायरमेंट की प्लानिंग
अपनी पहली सैलरी से एक काम और आप हर हाल में करें और वो है रिटायरमेंट की प्लानिंग. जी हां, अगर आप चाहते हैं कि आर्थिक रूप से आपका भविष्य सुरक्षित रहे और फाइनेंशियली आपको किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़े, तो इसके लिए आप सरकारी पेंशन स्कीम NPS या फिर PPF चुन सकते हैं.
ऐसे यादगार रहेगी पहली सैलरी
इस तरह बुढ़ापे में आपको पैसे के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. क्योंकि दोस्त बुढ़ापा तो सभी का आना है. इसलिए इसकी प्लानिंग की शुरुआत क्यों न पहली सैलरी से ही कर दी जाए. इस तरह रिटायरमेंट के बाद जब आपकी सेविंग की राशि मिलेगी, तो पहली सैलरी की याद जरूर आएगी और इस तरह से ये हमेशा के लिए यादगार बनी रहेगी.