ऑनलाइन शॉपिंग हो या फिर लेन-देन, आज के समय में क्रेडिट कार्ड का उपयोग काफी बढ़ गया है. बीते कुछ सालों में तो Credit Card यूजर्स की संख्या के साथ ही इससे होने वाले ट्रांजैक्शंस के आंकड़े में भी खासा उछाल दर्ज किया गया है. क्रेडिट कार्ड का यूज बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ये है कि किसी भी खरीदारी के बाद आपको पेमेंट करने के लिए अच्छा खासा करीब 50 दिनों का समय मिल जाता है. इमरजेंसी इस्तेमाल में भी ये मददगार होता है. लेकिन इसे यूज करते समय कुछ गलतियां आपका बड़ा नुकसान भी करा सकती हैं. जिन्हें बैंक भी ग्राहकों को नहीं बताते... आइए जानते हैं इनके बारे में
क्रेडिट कार्ड के फायदे और नुकसान
Credit Card इस्तेमाल करना सेफ और सुविधाजनक है, लेकिन इसके नुकसान भी कई हैं. क्रेडिट कार्ड कंपनियां ग्राहकों को कार्ड देते समय इसके तमाम फायदे ही गिनाती हैं, जबकि नुकसान के बारे में कोई जानकारी नहीं देतीं. इसलिए जरूरी है कि जब आप किसी भी बैंक के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें तो नीचे बताई गईं कुछ सावधानियां जरूर बरतें, ऐसा करने से आप किसी तरह के वित्तीय नुकसान से सेफ रहेंगे.
1- बिल का भुगतान समय पर करें
Credit Card के बिल का भुगतान समय पर करना जरूरी है. ऐसा न करना आपके ऊपर भारी पड़ सकता है. क्रेडिट कार्ड बिल के पेमेंट लेन होने से आपको क्या नुकसान होगा इसे लेकर किसी तरह का कोई रिमांडर नहीं आता है, हां बकाया बिल पेमेंट के लिए आपको मैसेज के जरिए जरूर बताया जाता है. इसकी वजह यह है कि कंपनियां शायद यह नहीं चाहती हैं कि आप समय से बिल का भुगतान करें. इसकी वजह यह है कि बिल पेमेंट में देरी होने पर कंपनियां लेट फीस ले पाएंगी. दूसरी ओर, इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है. बता दें क्रेडिट कार्ड पेमेंट चूकने पर ब्याज बहुत ज्यादा लगता है.
2- टोटल ड्यू पेमेंट
आपके पास जब क्रेडिट कार्ड का बिल (Credit Card Bill) आता है तो उसमें दो रकम लिखी होती है- Total Due (कुल बकाया) और Minimum Due (न्यूनतम बकाया). कई लोगों को लगता है कि मिनिमम ड्यु का पेमेंट करने से भी उनका काम चल जाएगा लेकिन हकीकत इससे अलग है. ऐसा कत्तई मत कीजिए. अगर आपने कुल बकाया राशि का भुगतान नहीं किया तो क्रेडिट कार्ड कंपनियां काफी अधिक ब्याज लगाती हैं. इस वजह से आपका बिल हर महीने काफी अधिक बढ़ जाता है. ये बात क्रेडिट कार्ड आपको नहीं बताती हैं.
3- Free EMI से जुड़ी ये दिक्कत
जब आप कोई महंगा सामान खरीदते हैं तो कंपनियां उस ट्रांजैक्शन को फ्री में ईएमआई (No Cost EMI) में कन्वर्ट करने का वादा करती हैं. हालांकि, आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस पर तमाम नियम एवं शर्ते लागू होती हैं. अगर आपने किसी भी टर्म एंड कंडीशन को फॉलो नहीं किया तो आपको काफी अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है.
4- रिवॉर्ड्स प्वाइंट का चक्कर खराब
क्रेडिट कार्ड कंपनियां या बैंक क्रेडिट कार्ड इश्यू करते समय फीचर्स बताते समय तो कई बार रिवार्ड प्वाइंट्स का जिक्र करते हैं लेकिन बाद में ये नहीं बताते हैं कि इन प्वाइंट्स को कैसे रिडीम (Credit Card Reward Points Redeem Process) किया जा सकता है. ये Rewards Points ऐसे ही एक्सपायर हो जातें हैं और ग्राहक इनका कोई फायदा नहीं उठा पाते.
5- अपग्रेड Fees में बढ़ोत्तरी
Bank अक्सर आपको ऑफर देते हैं कि आप फ्री ऑफ कॉस्ट अपने सिल्वर कार्ड (Silver Card) को गोल्ड में और गोल्ड को प्लेटिनम में अपग्रेड करवा सकते हैं, लेकिन ये नहीं बताते कि नए क्रेडिट कार्ड के लिए आपको 500 रुपये से लेकर 700 रुपये तक का शुल्क भी देना पड़ेगा. क्रेडिट कार्ड धारकों को अक्सर एक कॉल आती है कि आप के क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट मुफ्त में बढ़ाई जा रही है लेकिन बैंक आपको कभी ये नहीं बताता कि लिमिट एक्सटेंड करना के साथ ही आपके कार्ड की एनुअल फीस भी उसी हिसाब से बढ़ जाएगी.