रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. नहाने के साबुन से लेकर खाना पकाने के तेल तक, हर चीज अब आम आदमी की जेब से ज्यादा पैसा निकलवा रही है. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल इस बात की है कि ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
बीती तिमाही में दाम बढ़ाने वाली FMCG कंपनियां फिर से अपने प्रोडक्ट्स के प्राइस बढ़ाने की तैयारी में हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि अप्रैल से अब तक पाम ऑयल, नारियल, चाय, कोकोआ और कॉफी जैसे रॉ-मटेरियल की कीमतों में 35 से 175 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
महंगाई का झटका
जनवरी-मार्च तिमाही में इनकी कीमतों में एक बार फिर 30 परसेंट तक की बढ़ोतरी का अनुमान जताया जा रहा है. नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के में दावा किया गया है कि कई FMCG कंपनियां जनवरी-मार्च के दौरान अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने की योजना बना रही हैं.
इसमें कहा गया है कि बीते तीन महीनों में घरेलू इस्तेमाल के सामान्य सामानों की कीमतों में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. इससे खाद्य महंगाई दर पर दबाव बढ़ेगा, जो फरवरी में रेपो रेट (Repo Rate) में होने वाली संभावित कटौती के रास्ते का ब्रेकर बन सकती है.
इन चीजों की बढ़ सकती हैं कीमतें
FMCG कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती लागत है. साबुन, स्नैक्स और चाय जैसे प्रोडक्ट्स में मार्जिन बनाए रखना मुश्किल हो गया है. पाम ऑयल और चाय जैसी कमोडिटी की कीमतें सालाना आधार पर करीब 30 फीसदी तक बढ़ रही हैं. इससे कंपनियों की इनकम में भी करीब 5 फीसदी की सीमित बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
वहीं अगर बात करें नोमुरा की रिपोर्ट की तो इसमें अनुमान जताया गया है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स चाय के दाम में 25 से 30 परसेंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है जिसमें से आधी से ज्यादा बढ़ोतरी अक्टूबर-दिसंबर 2024 के बीच ही हो चुकी है.
खाद्य तेल के दाम में उछाल
इसके अलावा, नेस्ले ने चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट्स के दाम 4.9 फीसदी तक बढ़ाए हैं. स्नैक्स कंपनी बीकाजी ने अक्टूबर-दिसंबर में अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें 2 फीसदी तक बढ़ाई हैं. लेकिन भारत के फूड इंफ्लेशन का सबसे बड़ा विलेन खाद्य तेल साबित हो रहा है. इसकी कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2024 तक भारत में सफोला ब्रांड के खाद्य तेल की कीमतें 20 फीसदी तक बढ़ चुकी थीं. मैरिको ने पैराशूट कोकोनट ऑयल के दाम 10 परसेंट तक बढ़ा दिए हैं. इन बढ़ती कीमतों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज कंज्यूमर, डाबर, टाटा कंज्यूमर, पारले प्रोडक्ट्स, विप्रो कंज्यूमर, मैरिको, नेस्ले जैसी कंपनियां शामिल हैं.
रिपोर्ट बताती है कि बढ़ती कीमतों के चलते आम आदमी की जेब पर दबाव और बढ़ेगा। ऐसे में अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो महंगाई का असर और गहरा हो सकता है.