सर्दियों का मौसम और खाने में लहसुन (Garlic) का तड़का, फिर तो स्वाद ही बन जाता है. लेकिन फिलहाल ये हर किसी के बस में नहीं रह गया है. दरअसल, देश में अन्य सब्जियों जैसे आलू-प्याज के दाम (Onion-Potato Price) भले ही कम हुए हैं, लेकिन सब्जी में तड़का महंगा हो गया है. जी हां, कोलकाता से लेकर अहमदाबाद तक एक किलो लहसुन का भाव (Garlic Price) 450 रुपये से लेकर 500 रुपये तक पहुंच गया है.
15 दिन के भीतर आसमान पर दाम
देश में लहसुन की कीमत में ये ताबड़तोड़ तेजी (Garlic Price Rise) महज 15 दिनों के भीतर ही देखने को मिली है. इस दौरान 200 रुपये प्रति किलो बिकने वाले लहसुन का भाव 300 रुपये से ज्यादा बढ़कर 500 रुपये के पार निकल चुका है. वहीं हफ्तेभर पहले ही ये 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. रिपोर्ट्स की मानें तो कोलकाता में जो लहसुन 15 दिन पहले 200-220 रुपये के भाव पर बिक रहा था, वो 500 रुपये मिल रहा है, वेस्ट बंगाल वेंडर एसोशिएसन की ओर से ये बात कही गई है.
कोलकाता से यूपी तक भाव में उछाल
रिपोर्ट में एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कमल डे के हवाले से बताया गया है कि प्रोडक्शन घटने के कारण इस साल कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यहां के बाजारों में अधिकांश आपूर्ति बंगाल के बाहर से आती है और इसका प्रमुख स्रोत नासिक है. ना केवल कोलकाता, बल्कि गुजरात के अहमदाबाद में भी लहसुन 400-450 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. इसके अलावा दिल्ली, यूपी, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में लहसुन के दाम लगातार बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं.
प्याज ने पहले निकाले आंसू, अब कीमतें धड़ाम
कुछ समय पहले प्याज लोगों के आंसू निकाल रही थी, लेकिन बीते दो महीने में इसकी कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जो कि आम लोगों के लिए राहत भरी है. जब प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गई थीं, उस समय सरकार ने आनन-फानन में कदम उठाते हुए बीते 7 दिसंबर 2023 से लागू निर्यात प्रतिबंध के कारण प्याज की कीमतें काबू में आई हैं. इसके दाम में दो महीनों में 75 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.
आलू का भाव 30 फीसदी तक घटा
प्याज के साथ ही रसोई में दूसरी जरूरी सब्जी आलू का भाव भी बीते कुछ समय में कम हुआ है. इसकी कीमतों में महीनेभर में 30 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. हालांकि, आलू और प्याज के दाम घटने पर लहसुन ने मुसीबत बढ़ा दी है और धीरे-धीरे अब ये लोगों की रसोई से गायब होता जा रहा है. जानकारों की मानें तो अनियमित मौसम के कारण रबी फसल की कटाई में देरी हुई है, जिसका असर लहसुन के उत्पादन पर पड़ा है और आवक कम होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.