भारतीय बाजार (Indian Market) से लेकर विदेशी बाजार तक सोने की कीमतों (Gold Price) में गिरावट दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को स्पॉट मार्केट (Spot Market) में सोने की कीमतें अपने दो साल के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गईं. आज ग्लोबल मार्केट में गोल्ड का भाव 1,661 डॉलर पर आ गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आज सोने की कीमत भी 92 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट के साथ 49,220 रुपये स्तर पर दर्ज की गई. वैश्विक बाजारों के रुख को देखते हुए सोने की कीमतों लगातार गिरावट देखी जा रही है.
क्यों गिर रहा है गोल्ड का भाव?
मार्केट के एक्सपर्ट्स अनुमान जता रहे हैं कि यूएस फेडरल बैंक अगले सप्ताह ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. साथ ही डॉलर इंडेक्स में फिर से तेजी के बाद सोने की कीमतें दबाव में हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब तक यूएस फेडरल बैंक बैठक समाप्त नहीं हो जाती है, तब तक गोल्ड की कीमतों पर दबाव बरकरार रह सकता है.
IBJA Rates के अनुसार, गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को सोने की कीमतों में 544 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में गिरावट की प्राइमरी वजह अमेरिका की महंगाई दर के आंकड़े हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्पॉट गोल्ड और एमसीएक्स पर सोने की कीमत में कुछ पुल-बैक रैली देखने को मिल सकती है. लेकिन सर्राफा व्यापारी इसे बिक्री बढ़ने के अवसर के रूप में देखें. हाजिर बाजार में सोना लगभग 1,685 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बिक सकता है.
सोने की कीमतें में बड़ी गिरावट
भारतीय घरेलू बाजार में सोने की कीमतें लगभग 6 महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं. एमसीएक्स वायदा 0.16 प्रतिशत गिरकर 49,220 प्रति 10 ग्राम पर आ गया है. सर्राफा बाजारों में वैश्विक बिकवाली के बाद गुरुवार को भारतीय बाजारों में सोने में 1.4 फीसदी की गिरावट आई थी. गोल्ड एक इंटरनेशनल कमोडिटी है और इसकी कीमतें अमेरिकी डॉलर में मौजूद है. भारत में सोने की कीमतें में उतार-चढ़ाव इंपोर्ट ड्यूटी से जुड़ी होती हैं.
24 कैरेट वाले सोने का भाव
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाले सोने का दाम 16 सितंबर को अधिकतम 49,926 रुपये रहा. जबिक 22 कैरेट वाले गोल्ड का दाम 49,726 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. सभी तरह के गोल्ड के रेट की गणना टैक्स के बिना की गई है. सोने पर जीएसटी शुल्क अलग से देना पड़ता है. अगर आप सोने का गहना खरीदते हैं, तो उसपर टैक्स के अलावा मेकिंग चार्ज भी लगता है. इस वजह ज्वैलरी की कीमतें अधिक होती हैं.