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Stock Market Impact: अब ये क्या? लोग सोने और म्यूचुअल फंड से धड़ाधड़ निकाल रहे हैं पैसे

Gold ETF Sale Date: अगर गोल्ड की बात करें तो हाल ही में सोने की कीमतें अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं. 10 ग्राम सोने का दाम 86 हजार 875 रुपये तक पहुंच गया.

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Gold ETF
Gold ETF

फरवरी में निवेश के दो शानदार विकल्पों में अलग चाल के बावजूद एक ही ट्रेंड देखने को मिला है. बीते महीने गोल्ड ETF और SIP से निवेशकों ने पैसा निकालने का काम किया है, जबकि गोल्ड की कीमतें तेजी का तो इक्विटी गिरावट का रिकॉर्ड बनाने में लगी है. 

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दरअसल, पिछले कुछ महीनों में शेयर मार्केट में भारी गिरावट और महंगाई की मार ने आम आदमी की जेब पर गहरा असर डाला है. एक तरफ जहां स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को परेशान किया है, वहीं दूसरी तरफ सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद Gold ETF में निवेश घट गया है.

SIP कैंसिलेशन रेशियो में भारी बढ़ोतरी

इस मुश्किल हालात में लोग अपने पैसे को लेकर दुविधा में हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए? आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में गोल्ड ईटीएफ में निवेश 47 फीसदी घटकर 1,979 करोड़ रुपये रह गया. इसी तरह सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP कैंसिलेशन रेशियो में भारी बढ़ोतरी हुई है और लोग म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल रहे हैं. 

अगर गोल्ड की बात करें तो हाल ही में सोने की कीमतें अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं. 10 ग्राम सोने का दाम 86 हजार 875 रुपये तक पहुंच गया. इसके बावजूद फरवरी में गोल्ड ईटीएफ में निवेश जनवरी के 3751 करोड़ रुपये से घटकर 1979 करोड़ रुपये हो गया. 

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इस वजह से गोल्ड ईटीएफ का AUM महज 7 परसेंट बढ़कर 55 हजार 677 करोड़ रुपये पर पहुं पाया है. जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निवेशकों ने सोने की ऊंची कीमतों का फायदा उठाकर मुनाफा कमाया और अपना पैसा निकाल लिया. 


 निफ्टी-सेंसेक्स में 14 फीसदी तक गिरावट
दूसरी तरफ, शेयर मार्केट में लगातार गिरावट ने SIP को भी प्रभावित किया है और SIP कैंसिलेशन रेशियो में तेजी आई है, यानी लोग अपने म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल रहे हैं, क्योंकि सेंसेक्स और निफ्टी में 13 से 14 परसेंट तक की गिरावट के बाद निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है. 

विदेशी निवेशकों ने भी जनवरी में 81 हजार 903 करोड़ रुपये, और फरवरी में 30 हजार 588 करोड़ रुपये की बिकवाली की. बाज़ार के जानकारों का कहना है कि कमज़ोर कॉर्पोरेट कमाई और ऊंचे वैल्यूएशन की वजह से ये गिरावट आई है. 

ऐसे में निवेशकों के सामने सवाल है कि अब क्या करें? एक्सपर्ट्स की सलाह है कि अगर मार्केट गिरता है तो घबराएं नहीं और SIP को बंद करने की जगह इसे जारी रखें क्योंकि लॉन्ग टर्म में ये फायदा दे सकता है. अस्थिर शेयर मार्केट में सोने और सिल्वर में निवेश भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इस बीच सिल्वर ईटीएफ भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं क्योंकि इसकी कीमतें भी बढ़ रही हैं. 

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अनुमान लगाया जा रहा है कि शेयर मार्केट में हालात तब तक नहीं सुधरेंगे जब तक कॉर्पोरेट कमाई और अर्थव्यवस्था में तेजी न आए. मौजूदा हालात में  निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि बड़े और भरोसेमंद स्टॉक्स पर ध्यान दें और जल्दबाज़ी में फैसले ना लें. 

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