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Trade Deficit Record High: विदेश से आ गया इतना सोना... बिगड़ा ट्रेड बैलेंस, इकोनॉमी के लिए खतरा!

आंकड़ों के मुताबिक भारत का नवंबर 2024 का व्यापार घाटा $37.84 बिलियन तक पहुंच गया जो अक्टूबर के $27.14 बिलियन से कहीं ज्यादा है, पहले एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि नवंबर में ट्रेड डेफिसिट $23.9 बिलियन रह सकता है. 

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Gold Import Hike
Gold Import Hike

टेक्नोलॉजी, ग्लोबल डिमांड और घरेलू खर्चों में उतार-चढ़ाव के बीच नवंबर में भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. इस इजाफे की मुख्य वजह सोने के आयात में हुई भारी बढ़ोतरी है. इस बढ़ते व्यापार घाटे का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नेगेटिव असर होने की आशंका है. आंकड़ों के मुताबिक भारत का नवंबर 2024 का व्यापार घाटा $37.84 बिलियन तक पहुंच गया जो अक्टूबर के $27.14 बिलियन से कहीं ज्यादा है, पहले एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि नवंबर में ट्रेड डेफिसिट $23.9 बिलियन रह सकता है. 

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रिकॉर्ड स्तर पर सोने का आयात! 
नवंबर में भारत में सोने का रिकॉर्ड आयात हुआ और ये बढ़कर $14.8 बिलियन पर पहुंच गया जो अक्टूबर के $7.13 बिलियन से दो गुना ज्यादा है. सोने की कीमतों में गिरावट के कारण कई आयातकों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोने का भंडारण बढ़ा लिया था. इसी से गोल्ड की डिमांड बढ़ी और इम्पोर्ट भी नई ऊंचाई पर पहुंच गया. सोने के आयात में हुई ये बढ़ोतरी व्यापार घाटे की मुख्य वजह बनकर सामने आई है. इस साल अब तक सोने के आयात में लगभग 50% की बढ़ोतरी देखी गई है. 

नवंबर में निर्यात में गिरावट
भारत का कुल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट (गुड्स निर्यात) नवंबर में 4.9% गिरकर $32.11 बिलियन रह गया जबकि अक्टूबर में ये $39.2 बिलियन था. वैश्विक मांग में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. नवंबर में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 49.7% घटकर $3.7 बिलियन रह गया. दिलचस्प बात है कि इस गिरावट के बावजूद कच्चे तेल का आयात 7.9% बढ़कर $16.1 बिलियन तक पहुंच गया. 

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इस बढ़ते व्यापार घाटे का असर भारतीय रुपये पर भी पड़ा है जो सोमवार को रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ. ये स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि इससे चालू खाता घाटा भी बढ़ेगा. 

क्या बढ़ेगा भारत का निर्यात?
भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल का कहना है कि गुड्स निर्यात में गिरावट के बावजूद अगले चार महीनों के लिए गैर-पेट्रोलियम एक्सपोर्ट और सर्विसेज का आउटलुक पॉजिटिव है. सरकार का अनुमान है कि 2024-25 में भारत का कुल एक्सपोर्ट $800 बिलियन को पार कर सकता है. भारत सरकार इस साल और अगले साल के लिए 20 देशों में निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसके लिए 6 मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स और 6 सर्विसेज सेवाओं का चुनाव किया गया है जिनमें निर्यात बढ़ाए जाने की बड़ी संभावना और क्षमता है.

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