साल 2021 सोने (Gold) के लिहाज से भले ही अच्छा नहीं रहा, लेकिन नया साल फिर से शानदार साबित हो सकता है. लगातार कई साल से ऊपर चढ़ रहे सोने की चमक 2021 में फीकी पड़ गई. साल की शुरुआत 50 हजार से ऊपर करने वाला सोना अंतिम दिन 48 हजार के नीचे है. यह एक साल में चार फीसदी से अधिक की गिरावट है.
चार फीसदी से ज्यादा कम हो गई चमक
ठीक साल भर पहले यानी 31 दिसंबर 2020 को 24 कैरेट सोना 50,005 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था. इसके बाद जनवरी में यह 54 हजार रुपये तक चढ़ गया था. हालांकि बाद में सोने की चमक बरकरार नहीं रह पाई और पूरे साल इसकी कीमतें दबाव में रहीं. अभी (30 दिसंबर 2021 को) सोना 47,895 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है. इस तरह बीते एक साल में पीली धातु की चमक 4.2 फीसदी कम हुई है.
2020 ने चमकाई गोल्ड की किस्मत
इससे पहले साल 2020 सोना के लिहाज से शानदार रहा था. कैलेंडर ईयर 2020 में सोने के भाव में करीब 28 फीसदी की तेजी आई थी. अच्छी बात यह है कि सोने की चाल नए साल में फिर से संभल सकती है. इस साल सोने के ऊपर मजबूत डॉलर का प्रेशर सबसे ज्यादा रहा है. इससे पहले 2020 में महामारी के चलते आई अनिश्चितता ने पीली धातु को इन्वेस्टर्स के लिए सेफ हेवेन बना दिया था.
महंगाई से मजबूत हो सकता है सोना
एनालिस्ट मानते हैं कि आने वाला साल भी इसके लिए अच्छा साबित हो सकता है. अभी महंगाई बढ़ रही है. दुनिया के कई देशों में मंहगाई दशकों के हाई लेवल पर है. भारत में खुदरा महंगाई तो बहुत अधिक नहीं है, लेकिन थोक महंगाई 10 साल से अधिक समय के हाई पर है. आने वाले महीनों में रिटेल इंफ्लेशन बढ़ने का जोखिम है. इंफ्लेशन का दौर हमेशा से सोने की चमक बढ़ाने वाला साबित हुआ है.
ये फैक्टर भी डालेंगे चाल पर असर
हालांकि इस साल सेंट्रल बैंक की पॉलिसीज से काफी कुछ डिसाइड होने वाला है. अगर सेंट्रल बैंक महंगाई पर लगाम लगाने को ग्रोथ के ऊपर तरजीह देते हैं तो यह सोने के लिए बुरी खबर बन सकता है. रेट कम करते ही इन्वेस्टर डॉलर को लपकने लगेंगे, जिससे सबसे पसंदीदा करेंसी के भाव बढ़ जाएंगे. यह सोना को और कमजोर कर देगा. इसके अलावा अगर कमजोर घरेलू मांग में 2022 में सुधार आया तो सोना को इससे सपोर्ट मिल सकता है. भारत में पिछले कुछ समय से सोने की डिमांड नरम रही है तो एनालिस्ट इसमें सुधार की साफ गुंजाइश देख रहे हैं.