सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने आम आदमी से लेकर निवेशकों तक सबका ध्यान खींचा है. पिछले कुछ दिनों में सोने के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं, जिससे लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो रहा है. हाल के दिनों में सोने की कीमतों (Gold Price) में हुई बढ़ोतरी पर नजर डालें तो गोल्ड अब 90 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर के आसपास पहुंच गया है. वहीं चांदी की कीमत भी 1 लाख 5 हजार रुपये प्रति किलो के पार चली गई है.
एक हफ्ते में 3% महंगा हुआ सोना
गोल्ड की कीमतों में होली के दिन से जबरदस्त तेजी आ रही है. होली के रोज वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज दोपहर में खुला था और सोने की कीमत पहली बार 88 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई थी. 18 मार्च को तो ये बढ़कर 88,500 रुपये के करीब पहुंच गई है, जो एक नया रिकॉर्ड है.
भारत ही नहीं, न्यूयॉर्क के बाजारों में भी सोने के दाम नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. जानकारों का कहना है कि 18 मार्च से अमेरिकी फेड की पॉलिसी मीटिंग शुरू हो रही है और 19 मार्च को ब्याज दर का ऐलान होगा. निवेशकों को उम्मीद है कि फेड 0.25% तक ब्याज दर कम कर सकता है जिससे सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं.
एक साल में सोने की बड़ी छलांग
सोने की कीमतों में पिछले एक साल में जबरदस्त उछाल आया है. पिछले साल दिसंबर के आखिरी कारोबारी दिन MCX पर सोने का दाम 77 हजार 456 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर 89000 रुपये का हो गया है. यानी इस साल अब तक 11,043 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हो चुकी है जो 14.25% का उछाल है और मार्च में तो 6,280 रुपये, यानी 7.64% बढ़ चुका है. इस दौरान वैसे चांदी की कीमत भी बढ़ी है. लेकिन सोने में तेजी की रफ्तार ज्यादा रही है. माना जा रहा है कि ये बढ़ोतरी जियोपॉलिटिकल तनाव और महंगाई की वजह से हो रही है.
10 साल में कितना बढ़ा सोना?
अगर पिछले 10 साल में सोने के सफर की बात करें तो 2015 में सोना 25 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था जो अब 90 हजार रुपये तक पहुंच गया है. चांदी भी 35 हजार से बढ़कर 1 लाख 3 हजार रुपये प्रति किलो के पार निकल गई है. लेकिन सवाल ये है कि क्या सोने की कीमतें और बढ़ेंगी?
अगर जानकारों की मानें तो अगले 75 दिनों में वायदा बाजार में सोने के दाम 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं. लेकिन यहां ये भी ध्यान रखना होगा कि ये महज अनुमान है, जो सही या गलत दोनों साबित हो सकते हैं.
क्या लुढ़कते हैं सोने के दाम?
फंड्सइंडिया के आंकड़ों के मुताबिक 1980 के बाद से सोने में तीन मौकों पर 30% से ज़्यादा की गिरावट आई है. वहीं 1970 के दशक से सोने की कीमतों के एनालिसस से पता चलता है कि सोने की कीमत और उसके 200 डे मूविंग एवरेज के बीच मौजूदा डाइवर्जेंनस असामान्य रूप से बड़ा है. इस पैटर्न ने शानदार तेजी के बाद हमेशा सोने की कीमतों में लंबे समय तक कमजोरी की शुरुआत का संकेत दिया है.