2014 की खास बात यह रही कि सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई. सोना 20 फीसदी तक गिर गया. हालांकि भारत सरकार के कड़े टैक्स के कारण यहां इसकी कीमतों में खास गिरावट नहीं देखी गई. सरकार ने भारत में सोने पर 10 फीसदी का टैक्स लगा रखा है जिस कारण यहां यह उतना सस्ता नहीं हो सका.
इसके कई कारण रहे जिसमें डॉलर की मजबूती सबसे महत्वपूर्ण कारण रहा. शेयर बाज़ारों में तेजी और दुनिया भर में महंगाई के कारण में कमी के कारण भी सोने के दाम गिरे.
लेकिन 2015 में भी यह ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है. इसका मुख्य कारण है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मजबूती आनी शुरू हो गई है. अब अगले कुछ महीनों में उसमें कितनी मजबूती आएगी, यह देखना है. अगर ऐसा होता है तो वहां ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना बनेगी जिससे डॉलर और मजबूत होगा. ज़ाहिर है डॉलर के मजबूत होने से सोना और गिरेगा.
जानकारों का मानना है कि सोना अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 1,050 डॉलर प्रति औंस तक चला जाएगा. अभी यह 1,196 डॉलर प्रति औंस के आसपास है. यह खरीदारों के लिए अच्छा मौका होगा क्योंकि वहां से सोने के भाव फिर चढ़ने लगेंगे. उसके बाद यह 1,300 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है. इसलिए निवेशकों के लिए यह सुनहरा मौका होगा कि वे थोड़ा सा सोना जरूर खरीद लें.