सोने की कीमतें (Gold Rates) लगातार कम हो रही हैं, इंटरनेशनल मार्केट के साथ ही घरेलू मार्केट में भी इसके दाम तेजी से गिरे हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत के बाद से ही डॉलर में तेजी का सिलसिला जारी है और इसका सीधा असर गोल्ड प्राइस पर पड़ा है. इसके चलते ये हफ्ता सोने के लिए बीते 3 सालों का सबसे खराब सप्ताह साबित हुआ है. आइए बताते हैं कि अब 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड के लिए आपको कितना पैसा खर्च करना होगा?
हफ्तेभर में इतना सस्ता हुआ सोना
सोने की कीमतों के लिए ये हफ्ता 3 साल में सबसे खराब साबित हुआ है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर बीते सप्ताह के शुक्रवार 8 नवंबर को 5 दिसंबर की एक्सपायरी वाले फ्यूचर गोल्ड की कीमत 77,272 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, लेकिन इस शुक्रवार को 15 नवंबर को ये 73,946 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया. इस हिसाब से देखें तो हफ्तेभर में Gold Price में 3,326 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
घरेलू मार्केट में भी टूटा सोना
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के साथ ही घरेलू मार्केट में भी सोने की कीमत (Gold Price) में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोशियएसन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, 14 नवंबर को 3 साल के सबसे खराब साबित हुए सप्ताह में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड की कीमत घटकर 73,740 रुपये हो गई है. जबकि 8 नवंबर को ये 77,382 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, मतलब यहां भी सोना 3,642 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो गया है. हालांकि, शुक्रवार 15 नवंबर को इसमें मामूली तेजी जरूर दिखी. अन्य क्वालिटी के गोल्ड की घरेलू मार्केट में कीमत पर नजर डालें तो, 22 कैरेट सोना 71,970 रुपये/10 ग्राम, 20 कैरेट 65,630 रुपये/10 ग्राम और 18 कैरेट गोल्ड 59,730 रुपये/10 ग्राम पर आ गया.
गौरतलब है कि घरेलू मार्केट में सोने का ये दाम 3 फीसदी जीएसटी और मेकिंग चार्ज के बिना हैं. मेकिंग चार्ज अलग-अलग होते हैं और इसके चलते देश के तमाम शहरों में सोने की कीमत में बदलाव देखने को मिलता है. बता दें कि इस साल सोने की कीमतों में बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिला है. मोदी 3.0 के पहले बजट (Union Budget 2024) में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाए जाने के बाद ये टूटकर 67000 के लेवल पर आ गया था, तो वहीं इसके अगले महीने से सोने में ऐसी तेजी आई, कि ये ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. अब इसमें फिर से गिरावट आई है.
इंटरनेशनल मार्केट में गिर रहा सोना
अब बात कर लेते हैं सोने की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में हुए बदलाव के बारे में, तो 15 नवंबर को सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई और इसके साथ ही पिछले तीन सालों में Gold के लिए सबसे खराब सप्ताह रहा. स्पॉट गोल्ड 0.1% की गिरावट के साथ 2,562.61 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो इस सप्ताह के लिए 4% से अधिक की गिरावट दर्शाता है. इसके अलावा, यूएस गोल्ड फ्यूचर्स में भी 0.2% की गिरावट देखी गई, जो 2,567.10 डॉलर पर आ गया.
Gold सस्ता होने के बड़े कारण
सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की मजबूती है. इसके बावजूद, स्पॉट गोल्ड की कीमत में मामूली तेजी देखी गई और यह 2,569.69 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जो लगातार पांच सत्रों की गिरावट के बाद 0.1% की मामूली बढ़त है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद अमेरिकी डॉलर में तेजी जारी है, जिससे सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की डिमांड कम हो रही है. निवेशक अब फेड रेट कट और डॉलर की मजबूती के मद्देनजर वैकल्पिक विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.
अन्य कारणों की बात करें, तो अमेरिका में महंगाई के आंकड़े और US Fed द्वारा महंगाई को नियंत्रित करने के लिए संभावित विराम का संकेत सोने की दरों पर दबाव को कम करने में मददगार हो रहा है. इसके अलावा, बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी के रेट में तेज उछाल देखने को मिला है और ये 93,000 डॉलर तक पहुंच गया है. ऐसे में इसने निवेशकों को आकर्षित किया है. मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री का कहना है कि Gold Rates में कमजोरी का कारण क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के साथ-साथ अमेरिकी डॉलर में उछाल हो सकता है.