पीएफ अकाउंट होल्डर्स (PF Account Holders) के लिए बड़ी और राहत भरी खबर है. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ मई के अंत से मेंबर्स को बड़ी सुविधा देने के लिए तैयार है. खास बात ये है कि पहले ATM से पीएफ निकासी की चर्चा हो रही थी, लेकिन संगठन की ओर से बताया गया है कि एटीएम ही नहीं, यूपीआई के जरिए भी PF के पैसों की निकासी की जा सकेगी. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
EPFO ने मंजूर की सिफारिश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने इस संबंध में बड़ा अपडेट शेयर किया है और कहा है कि EPFO मेंबर्स इस साल मई या जून के अंत तक UPI और ATM के माध्यम से पीएफ का पैसा निकालने में सक्षम होंगे. वे सीधे UPI पर अपने PF खाते की शेष राशि देखने में सक्षम होंगे और पात्र होने की स्थिति में 1 लाख रुपये तक की निकासी कर सकेंगे, इसके साथ ही उन्हें अपने पसंदीदा बैंक में पीएफ का पैसा ट्रांसफर करने की भी सुविधा होगी.
ऑटो क्लेम सर्विस से होगी आसानी
डावरा के मुताबिक, नई सुविधा के तहत 1 लाख रुपये तक के क्लेम पहले से ही ऑटोमेटेड होंगे. पीएफ अकाउंट होल्डर्स को अपने UPI (Google Pay, PhonePe, या Paytm) में EPFO अकाउंट लिंक करने की सुविधा होगी.ऑटो क्लेम सर्विस के जरिए मेंबर्स को बड़ी राहत मिलने वाली है, अभी तक पीएफ क्लेम प्रोसेसिंग में करीब 3 दिन का समय लगता है, लेकिन यूपीआई के जरिए ये काम तत्काल हो सकेगा.
'नियमों के लगातार आसान किया जा रहा...'
श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा एटीएम और यूपीआई से पीएफ विदड्रॉल की सुविधा के बारे में बताते हुए कहा कि EPFO ने अपनी सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, PF Withdrawal को आसान और मैनेज्ड करने के लिए 120 डेटाबेस को एकत्र किया गया है, अब 95 फीसदी क्लेम ऑटोमेटेड हैं और इस प्रक्रिया को और सरल बनाने पर काम लगातार जारी है.
पेंशनर्स को दी गई है ये सुविधा
डावरा ने आगे कहा कि देश के पेंशनभोगियों को भी हालिया सुधारों से बड़ा लाभ हुआ है. दिसंबर 2024 से करीब 78 लाख पेंशनभोगियों को किसी भी बैंक शाखा (Bank Branch) से जमाराशि निकालने की सुविधा दी गई है. उन्होंने कहा कि पहले ये कुछ चुनिंदा बैंकों तक सीमित थीं, लेकिन ये लिमिट हटा दी गई है. श्रम सचिव के मुताबिक, इस तरह के सुधारों पर आगे बढ़ना आसान नहीं था.