सरकारी पेंशन स्कीम (Sarkari Pension Scheme) 'अटल पेंशन योजना' से जुड़कर पति-पत्नी दोनों 10 हजार रुपये महीने तक पेंशन उठा सकते हैं. इसकी फुल गारंटी सरकार देती है. अगर बुढ़ापे में आपको हर महीने 5 हजार रुपये, और आपकी पत्नी को भी 5 हजार पेंशन मिले तो फिर आर्थिक तौर पर बड़ी राहत मिल जाएगी.
सबसे खास बात यह है कि अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है तो फिर इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसलिए अगर आपकी उम्र 40 साल से कम है, तो फिर बुढ़ापे में आमदनी के लिए Atal Pension Yojana में निवेश कर सकते हैं. कोई भी भारत का नागरिक इस योजना का लाभ ले सकता है और अधिकतम 5000 रुपये तक पेंशन उठा सकते हैं.
हर महीने पेंशन की गारंटी
केंद्र सरकार 'अटल पेंशन योजना' में हर महीने पेंशन की गारंटी देती है. मोदी सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत मई-2015 में की थी. आप इस स्कीम से जुड़कर हर महीने कम से कम 1000 रुपये और अधिकतम 5 हजार रुपये पेंशन पा सकते हैं. 60 की उम्र होते ही पेंशन मिलने लगेगी.
अगर आपकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत पेंशन पाने के लिए कम से कम 20 साल तक निवेश करना होगा. 60 साल की उम्र तक एक तय राशि निवेश करना होगा.
अगर 18 साल का युवा अटल पेंशन योजना से जुड़ता है, और उसे 5000 रुपये महीने पेंशन के लिए हर माह 210 रुपये निवेश करना होगा. वहीं केवल 1000 रुपये महीने पेंशन के लिए 18 साल के युवा को हर महीने 42 रुपये जमा कराने होंगे. इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें निवेश का पैसा नहीं डूबता है.
निवेश का पैसा नहीं डूबता
अगर निवेशक 60 साल की उम्र से पहले अपनी राशि की निकासी चाहते हैं तो कुछ परिस्थितियों में यह संभव है. वहीं अगर पति की मौत 60 साल से पहले हो जाती है, तो फिर पत्नी पेंशन की सुविधा मिलेगी. पति-पत्नी दोनों की मृत्यु पर नॉमिनी को पूरा पैसा वापस मिल जाएगा.
अटल पेंशन योजना में अकाउंट ओपन करवाने के लिए आपके पास बैंक या फिर पोस्ट ऑफिस में अकाउंट होना चाहिए. इसके लिए आधार कार्ड और Active Mobile Number की जरूरत होगी. इस स्कीम में पैसा जमा कराने के लिए मासिक, तिमाही और छमाही की सुविधा मिलती है. साथ ही ऑटो डैबिट की सुविधा मिलती है यानी पैसे अपने आप आपके अकाउंट से कट जाएंगे.
अटल पेंशन योजना में निवेश कर आप पेंशन पाने के साथ-साथ टैक्स भी बचा सकते हैं. इस स्कीम में निवेश कर आप डेढ़ लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं. ये छूट आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलती है.