जीएसटी परिषद की शुक्रवार को हुई 45वीं बैठक से पहले इस तरह कह अटकलें थीं कि Swiggy और Zomato जैसी फूड डिलीवरी ऐप से खाना मंगाना महंगा हो सकता है. जीएसटी परिषद (GST Council) इस सर्विस पर जीएसटी की दरें बढ़ा सकती है. लेकिन बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी.
Swiggy, Zomato से फूड डिलीवरी नहीं होगी महंगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि Swiggy और Zomato जैसी फूड डिलीवरी ऐप पर जीएसटी लगाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ. लेकिन इस मामले में कई मु्द्दों को लेकर स्प्ष्टता का अभाव रहा. इसके चलते परिषद ने इस सेवा पर किसी तरह का नया टैक्स लगाने का फैसला नहीं लिया है. हालांकि इस बात पर सहमति बनी है कि फूड डिलीवरी के समय ये ऐप फूड डिलीवरी वाले स्थान पर टैक्स यानी कि डिलीवरी पॉइंट पर टैक्स कलेक्शन करेंगी और बाद में उसका भुगतान करेंगी. ये ऐप वही टैक्स वसूलेंगी जो रेस्टोरेंट वसूलते हैं.
जीएसटी दरों को तार्किक बनाने के लिए बना मंत्री समूह
इसी के साथ वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने दो मंत्री समूह का गठन किया है. इनमें से एक मंत्री समूह जीएसटी दरों से जुड़ी दिक्कतों और उन्हें तार्किक बनाने के समाधान पर रिपोर्ट तैयार करेगा. वहीं दूसरा समूह जीएसटी के अनुपालन, ई-वे बिल, तकनीक के उपयोग और व्यवस्था में लूप होल्स को दूर करने के लिए अपनी रिपोर्ट देगा. ये दोनों मंत्री समूह 2 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देंगे और इनका गठन एक-दो दिन के अंदर कर लिया जाएगा.
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर फैसला नहीं
वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए बैठक में बातचीत हुई. बैठक में इसे एजेंडा सिर्फ केरल हाईकोर्ट के एक आदेश को पूरा करने के लिए बनाया गया. लेकिन जीएसटी परिषद में इस बात पर सहमति बनी कि ‘अभी इसका सही समय नहीं आया है.’
2 साल बाद आमने-सामने बैठक
जीएसटी परिषद की ये बैठक करीब 2 साल बाद आमने-सामने बैठकर हुई है. बीते साल कोरोना महामारी की वजह से जीएसटी परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
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