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जीएसटी के दायरे में नहीं आते गिफ्ट कार्ड और वाउचर, कोर्ट ने किया साफ 

अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAAR) की तमिलनाडु बेंच ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की है. बेंच ने कहा है कि कार्ड या वाउचर पर नहीं, उनके बदले मिलने वाली वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आती है. 

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गिफ्ट कार्ड पर जीएसटी को लेकर भ्रम दूर
गिफ्ट कार्ड पर जीएसटी को लेकर भ्रम दूर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गिफ्ट कार्ड और वाउचर पर टैक्स को लेकर भ्रम
  • कोर्ट के आदेश से मामला साफ, लोगों को राहत

गिफ्ट कार्ड और वाउचर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाया जा सकता. अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAAR) की तमिलनाडु बेंच ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की है. 

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बेंच ने कहा है कि कार्ड या वाउचर पर नहीं, उनके बदले मिलने वाली वस्तुएं और सेवाएं जीएसटी के दायरे में आती है. गौरतलब है कि गिफ्ट कार्ड और वाउचर पर जीएसटी लगाने का मतलब दोहरा कराधान था, क्योंकि इससे ग्राहक जो सामान खरीदते उस पर भी टैक्स देना ही पड़ता. इसलिए कोर्ट ने लोगों को दोहरे कराधान से राहत देते हुए यह आदेश दिया है. 

क्या है मामला 

गिफ्ट वाउचर पर जीएसटी हमेशा से संदिग्ध और भ्रम का मामला रहा है. जीएसटी से पहले वाले दौर में भी इसको लेकर काफी भ्रम रहा है. अब तमिलनाडु के AAAR ने इस बारे में अपने आदेश में मामला साफ कर दिया है. इससे उन लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी जो बड़े पैमाने पर गिफ्ट कार्ड या वाउचर का इस्तेमाल करते हैं. 

एएएआर ने इस संबंध में कल्याण ज्वैलर्स की याचिका पर पिछले हफ्ते फैसला सुनाया है. कल्याण ज्वैलर्स ने अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR), तमिलनाडु के फैसले के खिलाफ अपील की थी. 

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एएआर ने कागज वाले प्री-पेड इंस्ट्रुमेंट यानी वाउचर पर 12 फीसदी और मैग्नेटिक स्ट्र‍िप वाले वाउचर या कार्ड पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी वसूलने का फैसला सुनाया था. 

क्या कहा कोर्ट ने 

एएएआर ने इस फैसले में सुधार करते हुए स्पष्ट किया कि वाउचर पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. उस वाउचर के बदले ली जाने वाली वस्तु या सेवा जीएसटी के दायरे में आएगी. एएएआर ने कहा कि वाउचर को वस्तु या सेवा के दायरे में नहीं रखा जा सकता है. जीएसटी कानून में इसे केवल फ्यूचर सप्लाई के लिए इंस्ट्रूमेंट ऑफ कंसिडरेशन माना गया है. 

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