गुजरात सरकार (Gujarat Govt) ने शनिवार को बजट में घोषित दो योजनाओं की शुरुआत की. ये दोनों ही योजनाएं बेटियों की शिक्षा से जुड़ी हुई हैं और उन्हें पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए इन्हें पेश शुरू किया गया है. इनमें पहली योजना है 'नमो लक्ष्मी योजना' और दूसरी है 'नमो सरस्वती योजना'. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने इन योजनाओं की शुरुआत की है.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया लॉन्च
गुजरात सरकार के बजट में बेटियों को पढ़ाई में मदद पहुंचाने के उद्देश्य से दो योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया गया था. अब मुख्यमंत्री (Gujarat CM) भूपेंद्र पटेल ने इन दोनों को लॉन्च कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा गुजरात की लड़कियों को ज्ञान प्राप्त करने, माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने और पोषण के साथ लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करने का अवसर उपलब्ध होगा. डबल इंजन सरकार ने प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश में क ऐसी कार्य संस्कृति बनाई है, जो योजनाओं की घोषणा होते ही उन्हें लागू करती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी के प्रयासों से आजादी का अमर युग गुजरात के शिक्षा क्षेत्र के लिए स्वर्ण युग बनेगा.
ऐसे काम करेगी Namo Laxmi Scheme
सरकार द्वारा एजुकेशन सेक्टर के लिए शुरू की गई इन दोनों योजनाओं पर 1650 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इनमें पहली नमो लक्ष्मी योजना (Namo Laxmi Yojna) के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि लड़कियों को पोषण उपलब्ध कराने के साथ-साथ कक्षा 9 से 12 तक उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश दिलाने के लिए यह योजना शुरू की गई है. यह योजना सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मददगार होगी. इस योजना में 10 महीने तक 500-500 रुपये मासिक दिए जाएंगे, शेष 10,000 रुपये कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मिलेंगे.
गुजरात के सीएम ने आगे कहा कि 11वीं और 12वीं कक्षा में आपको 10 महीने तक प्रति वर्ष 750-750 रुपये मासिक मिलेंगे, बाकी 15000 रुपये 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद मिलेंगे.
Namo Saraswati क्या है?
सरकार की अगली स्कीम है नमो सरस्वती विद्या एवं साधना योजना (Namo Saraswati Vidhya Sadhna Yojna). इसके बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य राज्य के बेटे-बेटियों को विज्ञान संकाय में पढ़ने और विज्ञान संकाय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना में कक्षा 11वीं और 12वीं विज्ञान वर्ग में 10 माह तक 1000 रुपये, कुल 20 हजार रुपये दिए जाएंगे. इन दोनों योजनाओं का मुख्य उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां कक्षा 9 से 12 तक पूरी पढ़ाई करें. गरीब और मध्यवर्ग की लड़कियों को स्कूल से ड्रॉप आउट ना लेना पड़े.