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इस बैंक ने 1 लाख को बना दिया 1.70 करोड़ रुपये, शुरुआत में पेड़ के नीचे होती थी ट्रेनिंग!

आज की तारीख में HDFC बैंक देश का सबसे बड़ा निजी बैंक है. HDFC बैंक की नींव आज से करीब 26 साल पहले अगस्त 1994 में रखी गई थी. इस बैंक ने साल-दर-साल ग्राहकों का विश्वास जीतने के साथ-साथ निवेशकों को भी शानदार रिटर्न भी दिया है.

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HDFC बैंक ने दिया जोरदार रिटर्न
HDFC बैंक ने दिया जोरदार रिटर्न
स्टोरी हाइलाइट्स
  • HDFC बैंक ने अधिकतम 1725 रुपये के स्तर को छुआ
  • अगस्त 1994 में रखी गई थी HDFC बैंक की नींव

आज की तारीख में HDFC बैंक देश का सबसे बड़ा निजी बैंक है. HDFC बैंक की नींव आज से करीब 26 साल पहले अगस्त 1994 में रखी गई थी. इस बैंक ने साल-दर-साल ग्राहकों का विश्वास जीतने के साथ-साथ निवेशकों को भी शानदार रिटर्न भी दिया है. 

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HDFC बैंक का शेयर फिलहाल 1700 रुपये के आसपास है, इसके अधिकतम 1725 रुपये के स्तर को भी छुआ. वित्तीय सलाहकार लॉन्ग टर्म निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में इस स्टॉक को शामिल करने की सलाह देते हैं. क्योंकि इसने पिछले दो दशक में अच्छा रिटर्न दिया है. 

लॉन्ग टर्म में शानदार रिटर्न

दरअसल, HDFC बैंक के शेयर में लंबे समय से बने रहने वाले निवेशकों को काफी फायदा हुआ है. HDFC बैंक की 19 May 1995 को Bombay Stock Exchange में लिस्टिंग हुई थी. उसके बाद इस शेयर से पीछे मुड़कर नहीं देखा है. HDFC Bank का शेयर 15 अक्टूबर 1999 को 9.82 रुपये का था. 

पिछले 22 साल में इसने रिकॉर्ड रिटर्न दिया है. इस दौरान HDFC Bank के शेयरों ने करीब 17000% का रिटर्न दिया है. इस हिसाब से देखें तो अगर किसी ने 1999 में HDFC Bank के शेयरों में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता तो आज उसकी आज वैल्यू बढ़कर 1.70 करोड़ रुपये होती. 

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इसी हफ्ते चालू वित्त-वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जो बेहद मजबूत हैं. पिछले 5 साल में HDFC Bank के शेयर 635 रुपये से बढ़कर 1680 रुपये तक पहुंच गए हैं. सितंबर तिमाही बैंक की आय बढ़कर 41,436.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.  

बैंक से जुड़ी बातें

गौरतलब कि पिछले साल जुलाई में HDFC बैंक की AGM के दौरान आदित्य पुरी ने बैंक की स्थापना से जुड़ीं बातें शेयर कीं. उन्होंने कहा था कि 25 साल पहले इस बैंक की शुरुआती दिनों में चुनौतियां काफी थीं. पैसे की कमी की वजह से हमने कमला मिल्स में जाकर अपना ऑफिस खोला था. दिन में काम करके घर लौट जाते थे कि जब अगले दिन सुबह दफ्तर पहुंचते थे तो कंप्यूटर और मशीनें नहीं चलती थीं, क्योंकि चूहे केबल कुतर डालते थे.

आदित्य पुरी ने ही 90 के दशक में भारत में निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की स्थापना की थी. वे मलेशिया से सिटीबैंक की बढ़िया नौकरी छोड़कर आए थे. आदित्य पुरी की मानें तो शुरुआत में हमारी ट्रेनिंग पेड़ों के नीचे होती थी. लेकिन भगवान का शुक्र है कि हमने जो फैसला लिया, उसपर आगे बढ़ते रहे, और सफलता मिली.

 

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