कोविड-19 की वजह से पैदा परिस्थितियों में बड़े घर की जरूरत और आकर्षक ब्याज दर (Interest Rate) की वजह से पिछले कुछ महीनों में रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) में तेजी देखने को मिली है. अगर आप भी होम लोन (Home Loan) लेकर अपने सपनों का आशियान खरीदना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है.
दरअसल, होम लोन (Home Loan) एक बड़ी फाइनेंशियल लायबलिटी होती है. इसलिए बैंक होम लोन देने से पहले प्रॉपर्टी और लोन लेने वाले के डॉक्युमेंट्स (Home Loan Documents) से पूरी तरह आश्वस्त हो जाना चाहते हैं. ऐसे में अगर आप होम लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आपको ये काम करने चाहिएः
चेक कीजिए अपनी एलिजिबिलिटी (Home Loan Eligibility)
आपको सबसे पहले यह देखना होगा कि आपको कितना होम लोन मिल सकता है. यह इन पहलुओं पर निर्भर करता हैः
1. उम्रः होम लोन के लिए आवेदक की उम्र का काफी महत्व होता है. अगर आपकी उम्र कम है तो आपको लोन चुकाने के लिए ज्यादा वक्त मिल जाता है और आपको ज्यादा रकम का लोन मिल जाता है.
2. फाइनेंशियल पोजिशनः आपकी फाइनेंशियल पोजिशन यह दिखाता है कि आपको कितनी इनकम हो रही है और आप कितनी रकम तक का कर्ज चुका सकते हैं. आपकी इनकम के हिसाब से लेंडर आपको लोन देते हैं. इसके अलावा अगर आपका कोई और लोन चल रहा है तो इससे भी आपकी एलिजिबिलिटी पर असर पड़ता है.
3. क्रेडिट स्कोर (Credit Score) और हिस्ट्रीः अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बेदाग है तो आपको जल्द-से-जल्द होम लोन मिल जाएगा. यह दिखाता है कि आप एक विश्वसनीय बॉरोअर हैं. अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है और क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो आपको आकर्षक ब्याज दर पर होम लोन मिल जाता है.
होम लोन कैलकुलेटर का करिए इस्तेमाल
आपको होम लोन कैलकुलेटर के इस्तेमाल से यह समझने में मदद मिलती है कि एक खास अवधि के लिए एक खास राशि के लोन पर आपको कितनी EMI का भुगतान करना होगा.
इन डॉक्यूमेंट्स की होती है जरूरत
1. KYC डॉक्युमेंट्सः पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज.
2. इनकम से जुड़े डॉक्यूमेंट्सः वेतनभोगी लोगों को पिछले दो-तीन साल तक का फॉर्म-16, छह माह तक की सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न, निवेश से जुड़े डॉक्युमेंट्स. अगर आपका खुद का बिजनेस है तो आपको पिछले दो-तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट, कंपनी के मुनाफे या घाटे का स्टेटमेंट (सीए द्वारा प्रमाणित), बिजनेस लाइसेंस इत्यादि.
3. पासपोर्ट साइज फोटो.
4. प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज: रजिस्टर्ड सेल डीड, अलॉटमेंट लेटर या बिल्डर बायर एग्रीमेंट, रेडी टू मुव प्रोपर्टी के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद, मेंटेनेंस बिल और बिजली बिल, सोसायटी या बिल्डर से एनओसी, निर्माण की लागत का ब्योरा, अप्रूव्ड बिल्डिंग प्लान की कॉपी, बिल्डर या सेलर को किए गए पेमेंट की रसीद या बैंक स्टेटमेंट.