आज की तारीख में होम लोन (Home Loan) लेकर घर खरीदना बेहद आसान है, और यही कारण है कि लोग पहली नौकरी के साथ ही घर खरीदने के बारे में सोचने लगते हैं. खासकर बड़े शहरों में फ्लैट (Flat) खरीदने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. फ्लैट खरीदना इसलिए भी आसान है कि होम लोन का टेन्योर काफी लंबा होता है और इस पर ब्याज दर दूसरे लोन के मुकाबले बेहद कम होते हैं.
दरअसल, अधिकतर नौकरी-पेशा लोग 20 साल के लिए होम लोन लेते हैं. इनमें से कुछ लोग होम लोन लेकर घर खरीद तो लेते हैं. लेकिन फिर वो होम लोन को लेकर परेशान रहते हैं. क्योंकि 20 साल तक चुकाना होता है, ऐसे में एक समय के बाद घर की EMI बोझ लगने लगती है, वो इससे छुटकारा पाना चाहते हैं. आज हम आपको ऐसे कई तरीके बताते हैं, जिससे आप Home Loan का भार कम कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Income Tax Saving Rule: सैलरी 10 लाख से अधिक, फिर भी एक रुपया भी नहीं लगेगा इनकम टैक्स, ये है फंडा
1. Pre-Payment Option: फाइनेंशियल प्लानर बताते हैं कि अगर आप प्री-पेमेंट के विकल्प को चुनते हैं तो आप समय से पहले अपना होम लोन खत्म कर सकते हैं. इसका तरीका यह है कि जब आपके पास कुछ रुपये की सेविंग हो जाए तो आप उसे प्री-पेमेंट कर दीजिए. इससे आपका Principal Amount कम हो जाएगा और इसके जरिए आप लोन के ड्यूरेशन या EMI में कमी ला सकते हैं. आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक या एनबीएफसी फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लेने वाले किसी भी इंडिविजुअल होम लोन बॉरोअर (Home Loan Borrower) से प्री-पेमेंट के लिए किसी तरह की पेनॉल्टी नहीं ले सकते हैं.
2. Home Loan Balance Transfer भी है ऑप्शनः अगर आपने A बैंक से कर्ज लिया है और आप देखते हैं कि B बैंक आपको काफी अट्रैक्टिव रेट पर होम लोन (Home Loan on Attractive Rate) ऑफर रहा है तो आप अपना बैलेंस ट्रांसफर (Home Loan Balance Transfer) B बैंक में कर सकते हैं. हालांकि, यह आखिरी विकल्प होना चाहिए, क्योंकि बैलेंस ट्रांसफर में आपको प्रोसेसिंग फीस (Processing Fees) देना पड़ेगा.
3. ज्यादा EMI दीजिएः कई ऐसे लेंडर्स भी हैं, जो आपको सालाना आधार पर इंस्टॉलमेंट रिवाइज (Home Loan Installment Revision) करने का ऑप्शन देते हैं. अगर आपने हाल में नौकरी बदली है और आपकी सैलरी पिछली कंपनी से ज्यादा हो गई है. ऐसे में आप ज्यादा EMI भुगतान करने की स्थिति में हैं, तो फिर आपको अपनी EMI बढ़वा लेनी चाहिए. इसके जरिए आप लोन की अवधि कम करा पाएंगे. एक बार अगर आपने होम लोन का Duration कम करा लिया तो आपके लोन के कुल कॉस्ट में काफी राशि की कमी आ जाएगी.
4. Home Loan की अवधि में लाएं कमीः लोन की कुल लागत (Loan Cost) इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितने साल का लोन ले रहे हैं. एक तरफ जहां 25 से 30 साल के लोन से आपके मासिक इंस्टॉलमेंट में कमी आ जाती है और आप ज्यादा लोन ले पाते हैं. दूसरी ओर, अगर आप 10-15 साल का लोन लेते हैं तो आप कम ब्याज देना पड़ेगा, और आपका लोन जल्द खत्म हो सकता है.
5. ज्यादा डाउन पेमेंट करें: अगर आप भी होम लोन लेने जा रहे हैं तो आपके लिए यह काम की चीज है. अधिकतर बैंक प्रॉपर्टी के कुल वैल्यू के 75-90 फीसदी तक की रकम पर लोन दे देते हैं. ऐसे में आप 10-25 फीसदी का भुगतान करके घर खरीद सकते हैं. हालांकि, अगर आपके पास सेविंग पड़ी है तो आप ज्यादा डाउन पेमेंट कर लोन की राशि को घटा सकते हैं. इससे आपके ऊपर लोन का बोझ कम रहेगा.