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Real Estate: अब घर खरीदना फायदे का सौदा नहीं, गिरने लगे भाव... ऑफर भी नहीं आ रहा काम!

Property Demand Low: बिल्डरों को डिमांड घटने का पूरा अहसास है और इसलिए वो सप्लाई बढ़ाकर कीमतें कम होने से बचाने के लिए नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने से बच रहे हैं. लेकिन जिन इलाकों में पहले से ही ज्यादा सप्लाई है वहां हालात और खराब हैं.

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Flat Demand Increase
Flat Demand Increase

रियल एस्टेट (Real Estate) का 3 साल से जारी ड्रीम रन अब खत्म होता नजर आ रहा है. कोविड-19 के बाद 2022 में प्रॉपर्टी प्राइस ने जिस तरह से तेजी पकड़ी थी, उससे निवेशकों को दमदार रिटर्न मिला था. प्री-कोविड के मुकाबले कई इलाकों में प्रॉपर्टी के रेट 3 से 4 गुना तक बढ़ चुके हैं. ऐसी कोई प्रॉपर्टी नहीं है, जो 5 साल में कम से कम दोगुनी ना हुई हो. 

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लेकिन रियल एस्टेट निवेशकों के लिए अब मौके खत्म होते दिखाई दे रहे हैं. इसके संकेत प्रॉपइक्विटी (PropEquity) की रिपोर्ट से मिल रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 23% घट गई है. वहीं नए लॉन्च में भी जनवरी-मार्च 2024 के मुकाबले 34% की भारी गिरावट आई है.

निवेशकों को झटका!
घर खरीदना अब पहले की तरह फायदे का सौदा नहीं रह गया है. खासकर अगर आप निवेश के नजरिए से प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे हैं तो हालात एकदम बदल चुके हैं. 2021 से 2024 तक प्रॉपर्टी मार्केट ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया था. लेकिन अब ऐसा रिटर्न मिलना मुश्किल हो गया है. लग्जरी घरों की सप्लाई जरूरत से ज्यादा होने की वजह से इस सेगमेंट पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है.

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कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि आम खरीदार यानी एंड यूजर्स का हौसला भी टूटने लगा है. नतीजा ये है कि अब घरों की बिक्री में गिरावट की शुरुआत हो गई है. हालांकि इस बदलाव का फायदा एंड यूजर्स को मिल सकता है, क्योंकि 2023 तक बिल्डर जहां अपने मनचाहे रेट पर घर बेच रहे थे. वहीं अब 2024 में ग्राहकों को ऑफर देना उनकी मजबूरी बन गई है. 

पहले लोग बिल्डर की शर्तों पर घर खरीदने को मजबूर थे लेकिन अब हालात उलट गए हैं. बिल्डर अब ब्रोकर्स को भी पहले से ज्यादा कमीशन दे रहे हैं, जिससे वो ग्राहकों को लुभाने में उनकी मदद करें. लेकिन एंड यूजर्स को यही सुझाव दिया जा रहा है कि वो अपनी जरूरत के मुताबिक बजट के भीतर रहकर ही बेस्ट डील का चुनाव करें.

टॉप 9 शहरों में से 7 में घटी बिक्री!
प्रॉपइक्विटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक केवल बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में बिक्री 10-10% फीसदी बढ़ी है. लेकिन हैदराबाद में बिक्री 47%, मुंबई में 36% और पुणे में 2024 की पहली तिमाही के मुकाबले बिक्री 33% कम हुई है. घरों की डिमांड कम होने से बिल्डर परेशान हैं. अब वो नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने से बच रहे हैं. पिछली तीन तिमाहियों से नए घरों की लॉन्चिंग 1 लाख यूनिट से नीचे रही है. 

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इस साल की पहली तिमाही में अकेले बेंगलुरु में नई सप्लाई 17% बढ़ी है, जो कुल लॉन्च का 25% है. लेकिन कोलकाता में लॉन्च 62% घटे हैं. मुंबई में 50% की कमी आई है. पुणे में 48%, चेन्नई में 46%, हैदराबाद में 38% और दिल्ली-एनसीआर में नए लॉन्च 14% कम रहे हैं.

प्राइस थामने के लिए लॉन्च में गिरावट
बिल्डरों को डिमांड घटने का पूरा अहसास है और इसीलिए वो सप्लाई बढ़ाकर कीमतें कम होने से बचाने के लिए नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने से बच रहे हैं. लेकिन जिन इलाकों में पहले से ही ज्यादा सप्लाई है वहां हालात और खराब हैं. गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे और नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में प्रॉपर्टी पर डिस्काउंट बढ़ गए हैं. 

कई इलाकों में प्रोजेक्ट्स में प्राइस करेक्शन शुरू हो गया है. लग्जरी घरों की बात करें तो उनकी सप्लाई इतनी ज्यादा हो गई है कि अब इनमें निवेश करना जोखिम भरा है. जानकारों का कहना है कि कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी, निवेशकों का सतर्क रवैया और देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी इस गिरावट की बड़ी वजहें हैं. पहले जहां प्रॉपर्टी में पैसा लगाना फायदे का सौदा था, वहीं अब हालात बदल गए हैं.

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