मोदी सरकार को केंद्र में लाने में आरएसएस की क्या भूमिका रही है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. अब संघ से जुड़े संगठन लोगों को यह बताने में जुटे हैं कि नए चुने गए बीजेपी के सांसदों का पीए किस तरह बना जाए.
ऐसे संगठन सांसदों का पीए, निजी सचिव वगैरह का पद हासिल करने में मदद के लिए एक हफ्ते का कोर्स करवा रहे हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद ही नरेंद्र मोदी ने अपने सभी सांसदों को आगाह कर दिया था कि वे अपने सगे-संबंधियों को निजी सचिव न बनाएं. उनके इस निर्देश को हल्के में लेने वाले कुछेक सांसदों को कड़ी फटकार भी लग चुकी है. ऐसे में सांसदों के निजी सहायक आदि का पद हर किसी के लिए ओपन हो गया.
बहरहाल, इस कोर्स का नाम रखा गया है 'सर्टिफिकेट कोर्स इन पॉलिटिकल असिस्टेंटशिप' और इसके लिए फीस रखी गई 500 रुपये. रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी (RMP) इस तरह का कोर्स करवा रही है. इच्छुक उम्मीदवारों को इसके तहत राजनीतिक समझ विकसित करने और दक्षता में इजाफा करने से संबंधित ज्ञान दिया जाएगा. इतना ही नहीं, राजनीति की दुनिया से जुड़े लोगों के साथ मेल-मिलाप के जरिए इन्हें प्रैक्टिकल टेनिंग भी दी जाएगी. मुंबई के भायंदर स्थित नॉलेज एक्सीलेंस सेंटर में यह प्रोग्राम 19 से 24 अगस्त तक आयोजित होंगे. यह रिपोर्ट अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी है.
संस्थान में विस्तार बताया जाएगा कि पीए का रोल क्या होता है. इसमें बीजेपी व आरएसएस का इतिहास भी पढ़ाया जाएगा. बीजेपी के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों की भी हिस्ट्री बताई जाएगी. मौजूदा सियासी हालात की भी जानकारी दी जाएगी. इस तरह के कोर्स के लिए संस्थान को कुछ आवेदन तुरंत मिल चुके हैं.