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बाढ़ में बह गई कार या तूफान से हो गया नुकसान... इंश्योरेंस क्लेम का ये है नियम!

प्राकृतिक आपदा से इंजन सीज होने को हाइड्रोस्टेटिक लॉक कहते हैं. इस तरह के मामलों में बीमा कंपनियां इसलिए क्लेम नहीं देतीं, क्योंकि इसे दुर्घटना की श्रेणी में रखा जाता. मोटर वाहन कानून-1988 के मुताबिक, बाढ़, बारिश, आंधी-तूफान या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान ऑन डैमेज कवर में आते हैं.

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बारिश या बाढ़ से गाड़ी को हुआ नुकसान, बीमा के जरिए ऐसे करें भरपाई
बारिश या बाढ़ से गाड़ी को हुआ नुकसान, बीमा के जरिए ऐसे करें भरपाई

देश के अलग-अलग हिस्सों में इन दिनों बारिश और बाढ़ (Rain and Flood) का कहर देखने को मिल रहा है. जान-माल के नुकसान के साथ ही इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disaster) में आपके वाहन भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. ऐसे में बारिश और बाढ़ या फिर किसी तरह के तूफान में हुए अपने नुकसान की भरपाई आप वाहन बीमा (Motor Insurance) लेते समय कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर कर सकते हैं. 

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इन बातों की न करें अनदेखी
वाहन बीमा (Motor Insurance) लेते समय सिर्फ उसके चोरी हो जाने या किसी कलपुर्जे में खराबी और टूट-फूट के बारे में ही ना सोचें. बल्कि इस बात का भी ध्यान रखें कि जो बीमा आप ले रहे हैं, वो बारिश या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी उसे सुरक्षा प्रदान कर सके. छोटी-छोटी ये सावधानियां बरतकर आप अपने वाहन में इन आपदाओं से होने वाली भारी क्षति पर होने वाले नुकसान की भरपाई कर जेब का खर्च बचा सकते हैं.

बारिश-बाढ़ से नुकसान होता है कवर
अभी जारी बारिश और बाढ़ के कहर के बीच विभिन्न राज्यों से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. उनमें आमतौर पर देखने को मिल जाता है कि पानी में गाड़ियां फंसी हुई हैं. इसके चलते गाड़ी के इंजन से लेकर उसकी बॉडी तक को भारी नुकसान हो सकता है. हालांकि, बाजार में कई ऐसी बीमा पॉलिसी (Motor Insurance Policy) मौजूद हैं, जो इस तरह के डैमेज को कवर करती हैं. बस जरूरत है बीमा लेते समय आंख और कान खुले रखने की. 

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प्राकृतिक आपदा में वाहन बीमा क्लेम
प्राकृतिक आपदा में वाहन बीमा क्लेम

बीमा लेते समय सबसे जरूरी बात
इस तरह के नुकसान से बचने के लिए सबसे पहली बात तो ये याद रखें कि आप ऐसा कार बीमा खरीदें, जिसमें भारी इंजन कवर भी शामिल हो. प्राकृतिक आपदा से इंजन सीज होने को हाइड्रोस्टेटिक लॉक कहते हैं. इस तरह के मामलों में बीमा कंपनियां इसलिए क्लेम नहीं देतीं, क्योंकि इसे दुर्घटना की श्रेणी में रखा जाता. मोटर वाहन कानून-1988 के मुताबिक, बाढ़, बारिश, आंधी-तूफान या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान ऑन डैमेज कवर में आते हैं. इसलिए मानसून के दौरान ऐसा बीमा चुनें, जिसमें इंजन सुरक्षा एड-ऑन का ऑप्शन मिले. 

इंजन प्रोटेक्टर लिया तो फायदे में रहेंगे
विशेषज्ञों के मुताबिक, वाहन बीमा लेते समय ऑन डैमेज कवर लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि इसके न होने से पानी में इंजन सीज होने या किसी अन्य खराबी पर वाहन स्वामी को इसका पूरा खर्च जेब से भरना पड़ता है. ऐसे में बीमा लेते समय इंजन प्रोटेक्टर एड-ऑन इंश्योरेंस या फिर हाइड्रोस्टैटिक लॉक कवर लेकर इसकी भरपाई की जा सकती है. इसके अलावा बीमा लेते समय उसमें जीरो डेप्रिसिएशन सुविधा है या नहीं इसका पता जरूर करें. बीमा में एड-ऑन सर्विस रोड साइड असिस्टेंस शामिल आपको कई तरह के वित्तीय नुकसान से बचा सकता है. 

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कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस के लाभ
अगर आपने अपने वाहन के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस लिया है, तो आप आंधी, चक्रवात, तूफान और ओलावृष्टि, बारिश या फिर बाढ़ जैसी किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए क्लेम कर सकते हैं. इस पॉलिसी में दो कॉम्पोनेंट होते हैं. एक ऑन डैमेज और दूसरा थर्ड पार्टी कवर. ओन डेमेज आपकी कार को आपदाओं या अन्य वजह से हुए नुकसान को कवर करता है और आपके नुकसान का भुगतान करती है.

तूफान में वाहन के सुरक्षा
तूफान में वाहन के सुरक्षा

 इन बातों का रखें ध्यान

  • आप जिन चीजों को कवर करना चाहते हैं, उनके लिए उपलब्ध एड-ऑन के साथ अपनी पॉलिसी लें. 
  • वाहन के लिए बीमा पॉलिसी खरीदने के पूर्व उपलब्ध ऑप्शन के तहत मिलने वाले लाभों की पूरी जांच पड़ताल जरूर करें. 
  • बीमा लेते समय एड-ऑन कवर में कंपनी द्वारा दिए जाने वाले लाभों के बारे में पता करें, कोई जरूरी कवर छूट न जाए. 
  • जिस कंपनी का वाहन बीमा ले रहे हैं. उसके क्लेम स्टेटस की रिसर्च करें. कंपनी की क्लेम सेटलमेंट हिस्ट्री का पता कर लें.

ऐसे करें बीमा कवर को क्लेम?

  • अपने पॉलिसी नंबर का इस्तेमाल कर संबंधित बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर क्लेम के लिए रजिस्टर करें.
  • कंपनी की वेबसाइट से क्लेम फॉर्म डाउनलोड कर उसे भरें. सारे डॉक्यूमेंट जमा करें और क्लेम फॉर्म को सबमिट करें. 
  • क्लेम अप्लाई के बाद कंपनी सर्वेयर या वीडियो सर्वे से वाहन की जांच होगी. इस दौरान सभी डाक्युमेंट्स अपने पास रखें. 
  • वाहन का सर्वे पूरा होने पर सर्वेयर अपनी रिपोर्ट फाइल करेगा और ऐसा करने के बाद आपका इंश्योरेंस क्लेम आ जाएगा. 

 

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