नेशनल पेंशन (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे अधिक पसंदीदा निवेश ऑप्शन में से एक हैं. देश के लाखों लोगों ने इस सरकारी स्कीम में निवेश किया है. NPS को लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट माना जाता है. इस स्कीम में नौकरी के दौरान पैसा जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन के रूप में मिलती है. पिछले महीने से NPS से पैसे की निकासी के नियमों में बदलाव हुआ है. पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम से आंशिक निकासी के लिए नए नियम जारी किए थे, जो एक जनवरी 2023 से लागू हो चुका है.
नोडल अधिकारियों को देनी होगी जानकारी
PFRDA ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को एक जनवरी 2023 से अपने संबंधित नोडल कार्यालयों के माध्यम से आंशिक निकासी आवेदन जमा करने को कहा है. ये नियम केंद्र, राज्य और केंद्रीय स्वायत्त निकाय के कर्मचारियों के लिए है. इसलिए अब NPS के निवेशकों को समय से पहले निकासी के कारणों को नोडल अधिकारियों को बताना होगा. साथ ही संबंधित डॉक्यूमेंट्स भी पेश करने होंगे.
क्या हैं आंशिक निकासी के नियम?
PFRDA ने कोविड महामारी के दौरान निवेशकों को सेल्फ डिक्लेरेशन तहत आंशिक निकासी की अनुमति दी थी. नेशनल पेंशन सिस्टम सब्सक्राइबर्स को मेच्योरिटी से पहले या तीन साल पूरे होने के बाद ही समय से पहले निकासी की अनुमति देता है. हालांकि, निकासी की राशि कुल योगदान के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती. NPS से मैच्योरिटी से पहले निकासी बच्चों की उच्च शिक्षा, बच्चों की शादी, घर की खरीद/निर्माण और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए ही की जा सकती है. NPS में निवेश करने वाला पूरे टेन्योर के दौरान सिर्फ तीन बार की आंशिक निकासी कर सकता है.
टैक्स पर मिलती है छूट
NPS में 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. ये स्कीम सीधे तौर पर सरकार से जुड़ी है. NPS में निवेशक को 80C के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसके अलावा 80CCD के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की Income Tax छूट भी मिलती है. NPS में जमा पैसे निवेशक को दो तरह से मिलते हैं.
पहला ये कि आप जमा रकम का सीमित हिस्सा एक ही बार में निकाल सकते हैं, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा होगा. fVइस राशि से एन्यूटी (Annuity) खरीदी जाएगी, एन्युटी खरीदने के लिए जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे रिटायर होने के बाद आपको उतनी अधिक पेंशन मिलेगी.