किस्मत कब बदल जाएगी, ये किसी को पता नहीं होता, कुछ ऐसा ही होली से ठीक पहले चंडीगढ़ के रतन ढिल्लों के साथ हुआ. घर में साफ-सफाई के दौरान दो कागज के टुकड़े मिले, जिसे सोशल मीडिया पर शेयर करते ही चंद घंटे में वायरल हो गया.
दरअसल, सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म X पर दो पेज के इस पेपर को शेयर करते हुए लोगों से मदद मांगी, रतन ढिल्लों ने लिखा कि उन्हें शेयर बाजार के बारे में जानकारी नहीं है. इन दस्तावेजों में जिन शेयरों के बारे में जिक्र है, उसे वो अभी भी हासिल कर सकते हैं क्या? अगर कोई एक्सपर्ट हैं तो हमें सलाह दें.
शेयर ने बदली किस्मत
दरअसल, Rattan Dhillon ने जो शेयर खरीदने के दो दस्तावेज शेयर किए, उनमें लिखा हुआ है कि उनके परिवार ने 1987 से 1992 के बीच में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के 30 शेयर खरीदे थे. सबसे पहले 1987 में 20 शेयर और फिर 1992 में 10 शेयर खरीदे थे, जिसकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर थी. यानी आज से करीब 37 साल पहले 300 रुपये में RIL के कुल 30 शेयर खरीद थे.
सोशल मीडिया पर ये दो पेपर वायरल हो गए. जिसके बाद एक यूजर ने कमेंट में बताया है कि करीब पिछले 37 में RIL के शेयर 3 स्प्लिट (Split Share) और दो बार बोनस दिए हैं, उस हिसाब आज की तारीख में शेयर की संख्या बढ़कर करीब 960 होनी चाहिए. मौजूदा RIL के प्राइस से मल्टीपल करें तो कीमत करीब 11.88 लाख रुपये बनती है.
दरअसल, दो दशक पहले से शेयर की खरीद-फरोख्त डिजिटल फॉर्मेट में नहीं होता है, शेयर खरीदने पर इसी तरह के बॉन्ड जारी किए जाते थे. लेकिन अब खुद एक पोस्ट में रतन ढिल्लों ने बताया कि है कि उनकी समस्या का हल हो गया है, रतन ढिल्लों ने लिखा, 'मैं शेयर बाजार के बारे में बहुत जानकार नहीं हूं, इसलिए सोशल मीडिया पर इसे शेयर करते ही लोगों ने मेरी मदद करने की कोशिश की, जबकि कुछ ने मुझे गुमराह किया. लेकिन मेरे 37 साल पुराने शेयरों को वापस पाने की प्रक्रिया में IEPFA ने सही रास्ता दिखाया है. ऐसे बेहतरीन संगठन के लिए @nsitharaman मैम का आभारी हूं.'
300 रुपये का निवेश बढ़कर हुआ 18 लाख
आगे उन्होंने लिखा कि अगर किसी को इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी चाहिए तो मैं ऐसे लोगों को IEPFA से संपर्क करने की सलाह दूंगा. जो विश्वसनीय है और सही मार्गदर्शन करता है.
यही नहीं, उन्होंने बताया कि उनके परिजन ने 37 साल पहले जो RIL के 30 शेयर्स खरीदे थे. उसकी कीमत फिलहाल 18 लाख रुपये के करीब है. रतन ढिल्लों ने कहा कि पिछले 37 साल में स्प्लिट, बोनस और डिविडेंड को जोड़कर शेयर की कीमत आज 18 लाख रुपये तक हो चुकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि ये बिल्कुल हैरान करने वाला है, क्योंकि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर किसी ने शेयर की कीमत करीब 12 लाख रुपये होनी की बात कही थी. लेकिन अब सरकारी संगठन IEPFA ने 18 लाख रुपये होने की पुष्टि की है.
I wasn’t very familiar with the stock market, and while some misled me, thousands genuinely helped me navigate the process. A big thanks to IEPFA @authorityiepf for guiding me in processing to retrieve my 37-year-old stocks—they were incredibly responsive. Grateful to… https://t.co/sDt1uPKQgj
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) March 13, 2025
उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं है, इसलिए वो इसमें से आधे शेयर्स यानी आधा पैसा दान (Donate) कर देंगे, उन्होंने 9 लाख रुपये डोनेट करने का ऐलान किया है, जो किसी अच्छे काम में खर्च होगा.
कई यूजर्स ने किए मजेदार कमेंट्स
बता दें, इस तरह मामले देश में सामने आते रहते हैं, किसी के दादा, तो किसी के पिताजी फिजिकल फॉर्मेट में शेयर खरीद कर भूल गए. और फिर घरवालों को इस बारे में जानकारी नहीं थी. कई दशकों के बाद घर की सफाई या किसी और तरह से वो दस्तावेज बेटे-पोते को मिल जाते हैं. जिसकी कीमत करोड़ों तक पहुंच चुकी होती है.
मालूम हो कि पहले फिजिकल फॉर्म में शेयर खरीद-बेचे जाते थे. शेयर बाजार के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती थी. लेकिन पिछले 30 वर्षों में अधिकतर निवेशकों को शेयर बाजार ने मालामाल करने का काम किया है.
कई यूजर्स से शेयर के पेपर को देखकर मजेदार कमेंट भी किए हैं, एक ने लिखा है कि आपकी लॉटरी लग गई, आप रातो-रात लखपति बन गए. एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'आपकी मौज हो गया भाई साहब'. एक अन्य ने लिखा, 'रतन भाई और अच्छे से घर को छान मारो, क्या पता MRF के भी कुछ शेयर्स के पेपर निकल आएं.'
कैसे करें पुराने शेयरों का दावा? अगर आपके पास भी ऐसे शेयर सर्टिफिकेट हैं...
1. IEPFA पोर्टल पर जाएं और शेयरों की उपलब्धता जांचें.
2. अपनी पहचान प्रमाणित करें- आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक डिटेल्स अपलोड करें.
3. शेयर ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करें- डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) या कंपनी के रजिस्ट्रार से संपर्क करें.
4. अगर शेयर IEPFA में ट्रांसफर हो चुके हैं, तो फिर क्लेम फाइल करें.