राकेश एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, और उनकी सैलरी अब मंथली एक लाख रुपये हो चुकी है. राकेश इस बात को लेकर परेशान हैं कि इस बार उसकी सैलरी का बड़ा हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में कट जाएगा. राकेश चाहते हैं कि उन्हें आयकर नहीं देना पड़े, लेकिन उन्हें ये पता नहीं है कि इसके लिए क्या करना होगा? वो इस बात का भी फैसला नहीं कर पा रहे कि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को अपनाया जाए या फिर ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) उनके लिए फायदे का सौदा होगा.
दरअसल, अधिकतर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि अगर ओल्ड टैक्स रिजीम में आय 5.50 लाख रुपये, और न्यू टैक्स रिजीम में इनकम 7.75 लाख रुपये से ज्यादा है तो फिर इनकम टैक्स देना ही पड़ेगा.
राकेश जैसी आपकी भी कहानी है...
लेकिन राकेश के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी फायदे का सौदा हो सकता है, यूं कहें कि उन्हें एक रुपया इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसके लिए राकेश को नियम के मुताबिक ओल्ड टैक्स रिजीम में मिल रहे Exemption और Deduction का क्लेम करना होगा.
सबसे पहले आपको ये बताते हैं कि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में राकेश को कुल 71,500 रुपये इनकम टैक्स देना होगा, क्योंकि राकेश की सालाना आय 12 लाख रुपये है, स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75 हजार रुपये माइनस करने के बाद राकेश पर आयकर 71,500 रुपये बनता है, जो कि हर हाल देना होगा, अगर वो न्यू टैक्स रिजीम को अपनाते हैं.
अब ओल्ड टैक्स रिजीम की बात करते हैं... ओल्ड टैक्स रिजीम में राकेश चाहें तो एक रुपया भी उन्हें टैक्स नहीं देना होगा. राकेश ही नहीं, अगर आपकी भी सैलरी एक लाख रुपये है तो फिर आप इस तरह से करमुक्त हो सकते हैं. दरअसल, आप ओल्ड टैक्स रिजीम में जितना ज्यादा डिडक्शन का लाभ लेंगे, उतना कम टैक्स देना होगा. आप Exemption और Deduction का सही से इस्तेमाल कर अपना आयकर जीरो भी कर सकते हैं.
आइए जानते हैं कैसे राकेश को सालाना 12 लाख की आय पर एक रुपया भी आयकर नहीं देना पड़ेगा.
- ओल्ड टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के तहत 50,000 रुपये तक का छूट मिलता है. इसे सबसे पहले अपनी आय में घटाना होगा. (12,00,000-50,000= 11,50,000 रुपये) यानी अब 11.50 लाख रुपये की आय इनकम टैक्स के दायरे में आता है.
- राकेश 80C के तहत 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश करना होगा. इसके तहत दो बच्चों के ट्यूशन फीस में 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर आयकर (Income Tax) छूट का लाभ ले सकते हैं. अब आप डेढ़ लाख रुपये की आमदनी को भी घटा दें. (11,50,000- 1,50,000= 10,00,000 रुपये). अब इनकम टैक्स के दायरे में 10 लाख रुपये आता है.
- राकेश नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश कर सेक्शन 80CCD (1B) के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपये Income Tax बचा सकते हैं. अब इस रकम को भी कुल आय में घटा दें. (10,00,000-50,000= 9,50,000 रुपये), अब आपकी 9.50 लाख कमाई टैक्स के दायरे में आता है.
- होम लोन (Home Loan) वाले अतिरिक्त 2 लाख रुपये बचा सकते हैं. अगर आपने होम लोन ले रखा है तो फिर इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत 2 लाख के ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. इसे भी आप सालाना आय में माइनस कर दें. (9,50,000-2,00,000= 7,50,000 रुपये), अब केवल 7.50 लाख रुपये टैक्स में दायरे में आता है.
- इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर राकेश 25 हजार रुपये तक आयकर में बचा सकते हैं. इस हेल्थ इंश्योरेंस में राकेश, और उनकी पत्नी-बच्चों का नाम होना चाहिए. इसके अलावा अगर राकेश के माता-पिता सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) हैं तो फिर उनके नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) खरीदकर 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं. लेकिन अगर उनकी उम्र 60 साल से कम है तो 25 हजार रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं. हम यहां 25000 रुपये ही मानकर ही चल रहे हैं. (7,50,000- 50,000= 7,00,000 रुपये), यानी अब टैक्स देनदारी के दायरे में 7 लाख रुपये की आमदनी आती है.
- राकेश चाहें तो Exemption के तौर पर 2 लाख रुपये का HRA क्लेम कर सकते हैं. अगर वो किराये पर रहते हैं, तो फिर इसका लाभ मिलेगा. अगर उन्होंने होम लोन ले रखा है और सेक्शन 24 के तहत 2 लाख का क्लेम कर रहे हैं, तो भी HRA का लाभ मिल सकता है, इसके लिए आपका अपना घर और जहां आप किराये पर रह रहें तो दोनों अलग-अलग शहर में होना चाहिए. अगर राकेश HRA का क्लेम करते हैं तो फिर उनकी कमाई में ये राशि घट जाएगी (यानी 7,00,000-2,00,000 रुपये= 5,00,000 रुपये). 5 लाख रुपये तक आय पर ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई आयकर नहीं देना होता है. इस तरह से राकेश को सालाना 12 लाख की आय पर ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, इस तरह से आप भी अपना आयकर बचा सकते हैं.