अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) के हाल हर बीतते दिन के साथ और भी बदहाल होते जा रहे हैं. खाली सरकारी खजाना... लगभग खत्म होता विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) और चरम पर पहुंची महंगाई (Inflation) के चलते रोटी को मोहताज जनता, पड़ोसी देश के ऐसे ही हालात हैं. पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. इस बीच पाकिस्तान एक ऐसा काम कर दिया है, जिससे वैश्विक निकाय और नाराज हो गया है.
शहबाज सरकार ने किया है ये काम
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से पाकिस्तान को जल्द कोई बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. इसका बड़ा कारण ये है कि आईएमएफ ने 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज रिलीज करने के लिए जो कड़ी शर्तें रखी हैं, शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने महंगाई की मार झेल रही जनता पर बोझ बढ़ाते हुए कई शर्तें तो लागू कर दी हैं, लेकिन एक गलत कदम से उसकी पूरी मेहनत बेकार होती दिखाई दे रही है. दरअसल, लेकिन पिछले दिनों शहबाज सरकार ने दोपहिया और तिपहिया वाहन मालिकों को पेट्रोलियम सब्सिडी (Pakistan Petroleum Subsidy) का ऐलान किया था, जो IMF को पसंद नहीं आया है.
IMF को नहीं दी गई जानकारी
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान की सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को नाराज करने वाला साबित हुआ है. पाकिस्तान में आईएमएफ की प्रतिनिधि एस्टर पेरेज रुइज ने कहा रुइज ने मंगलवार को कहा कि Pak Govt ने यह दोपहिया और तिपहिया वाहन स्वामियों को पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी देने का कदम उठाने के पहले आईएमएफ को इसकी जानकारी नहीं दी. हालांकि, इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं के निपटारे के बाद पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए स्टाफ लेवल करार किया जा सकता है.
Pak से बेरुखी, श्रीलंका पर मेहरबानी
पाकिस्तान की ये गलती देश की आम जनता की मुश्किलों को और बढ़ाने वाली साबित हो सकती है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आईएमएफ ने साफ शब्दों में कह दिया है कि लोन पाने के लिए अभी पाकिस्तान को कई और कई कदम उठाने होंगे. गौरतलब है कि जहां एक ओर पाकिस्तान की तरफ आईएमएफ मुंह फेरकर बैठा है, जबकि उसपर भारी भरकम कर्ज चुकाने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ऐसी ही बदहाल अर्थव्यवस्था के शिकार श्रीलंका को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मेहरबान बना हुआ है. हाल ही में IMF बोर्ड ने श्रीलंका को 3 अरब डॉलर की मदद देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
आटे के लिए मरने-मारने को तैयार जनता
पाकिस्तान के ताजा हालातों की बात करें तो देश में महंगाई दर 31 फीसदी के चरम पर पहुंच चुकी है और आटा, दूध, चिकन से लेकर अन्य जरूरी सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके चलते लोग खाने-पीने के लिए मोहताज हैं. सोशल मीडिा पर जो तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें लोग आटे की लूटपाट करते नजर आ रहे हैं, यही नहीं इस छीना-झपटी को देख ऐसा लग रहा है कि मानो लोग एक-दूसरे को मरने मारने तक के लिए तैयार हैं. अब ऐसे हालातों के बीच IMF की नाराजगी देश के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है.