दिवाली का त्योहार अब नजदीक है. लोग लंबी छुट्टियों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. दिवाली के मौके पर कंपनियां अपने कर्मचारियों को तोहफे (Gifts) या बोनस (Bonuses) देती हैं. बोनस के रूप कई बार कर्मचारियों को बड़ी राशि भी मिल जाती है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या बोनस या गिफ्ट पर भी लोगों को टैक्स (Tax) चुकाना पड़ता है या फिर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने कोई लिमिट तय कर रखी है. त्योहारी मौसम में आइए जान लेते हैं टैक्स से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब.
कितनी रकम के गिफ्ट पर है छूट
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एक वित्तीय वर्ष में कंपनियों की तरफ से मिलने वाले 5,000 या उससे कम के गिफ्ट या वाउचर पर टैक्स नहीं लगता है. 5,000 रुपये से अधिक के किसी भी गिफ्ट को आपकी आमदनी में जोड़ा जाएगा और इसपर आपकी कुल इनकम के अनुसार टैक्स वसूला जाएगा.
बोनस पर लगता है टैक्स?
मान लीजिए कि आपको दिवाली के दौरान लगभग 5,000 रुपये और क्रिसमस पर फिर से 3,000 रुपये का गिफ्ट मिला. ऐसे में आपको 3,000 रुपये के गिफ्ट पर टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा. कुछ कंपनियां गिफ्ट के बदले दिवाली बोनस देती हैं. बोनस को कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा माना जाएगा और इसपर टैक्स लगेगा.
दोस्त से गिफ्ट पर क्या मिलती है छूट?
अगर आप किसी दोस्त से गिफ्ट लेते हैं, जो परिवार का सदस्य नहीं है, तो इस तरह के गिफ्ट पर आपको टैक्स देना होगा. मान लीजिए कि एक वित्त वर्ष में कैश या वस्तु के रूप में मिले गिफ्ट की कुल वैल्यू 50,000 रुपये के आंकड़े को पार कर जाती है, तो इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 56(2) के तहत ये टैक्स के अधीन है. ऐसे में सभी गिफ्ट के कुल मूल्य पर टैक्स लगाया जाएगा.
गिफ्ट के रूप में मिले घर पर भी टैक्स
उपहार के रूप में प्राप्त जमीन या घर पर भी टैक्स लग सकता है. अगर गिफ्ट में मिले घर या जमीन की स्टाम्प ड्यूटी का मूल्य 50,000 रुपये अधिक है, तो उसपर टैक्स लगेगा. एक्सपर्ट्स के अनुसार, गिफ्ट पर टैक्सपेयर्स की इनकम टैक्स की स्लैब के अनुसार, टैक्स लगाया जाता है. इसलिए यदि कोई व्यक्ति 30 फीसदी इनकम टैक्स के दायरे में है, तो उसे गिफ्ट पर भी 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, पति-पत्नी, भाई-बहन, पति-पत्नी के भाई-बहन, मामा-चाचा या ब्लड रिलेशन वाले रिश्तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है.