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'हम बिहारी लोग हैं, सिर पर कफन बांधकर चलते हैं... लेने के देने से डरते नहीं' जानिए अनिल अग्रवाल ने ऐसा क्यों कहा?

अनिल अग्रवाल ने कहा, 'जो सिर पर कफन बांधकर चलते हैं, वो लेने-देने की कैलकुलेशन नहीं करते हैं. हम बिहारी लोग हैं, बिहार से आए हैं...कोई गिनती करके नहीं आए थे. क्या खोया, क्या पाया?'

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अनिल अग्रवाल का फ्यूचर प्लान
अनिल अग्रवाल का फ्यूचर प्लान

भारत का समय आ गया है. भारत को अब आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. हालांकि, रोकने की साजिशें होंगी, लेकिन भारत में आज वो ताकत है, जो उसे कामयाबी दिलाएगी. ये कहना है उस उद्योगपित का है, जिन्होंने मुश्किलों का सामना करते हुए अपनी अलग राह चुनी और आज दुनिया में उनका डंका बजता है. हम बात कर रहे हैं वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की. 

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शुक्रवार को अनिल अग्रवाल इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave 2023) में पहुंचे. उन्होंने बेबाकी से अपनी बातें रखीं. वेदांता चेयरमैन ने अडानी ग्रुप के संकट पर भी अपना नजरिया पेश किया और उनके ऊपर जो कर्ज है, उसपर भी खुलकर बोले. अनिल अग्रवाल के पास करीब 4 दशक का अनुभव है, उन्हें खनन इंडस्ट्रीज का महारथी कहा जाता है.

बिहारी रिस्क लेने से घबराते नहीं...

इंडिया टुडे के मंच पर उनसे पूछा गया कि आज से 22 साल पहले जब आपने सरकारी एल्युमिनियम कंपनी को खरीदा, तो कभी ऐसा तो नहीं लगा कि लेने के देने पड़ गए? इसका जवाब उन्होंने मजेदार अंदाज में दिया, जिससे कार्यक्रम में पहुंचे लोग ठहाके लगने लगे. अनिल अग्रवाल ने कहा, 'जो सिर पर कफन बांधकर चलते हैं, वो लेने-देने का कैलकुलेशन नहीं करते हैं. हम बिहारी लोग हैं, बिहार से आए हैं...कोई गिनती करके नहीं आए थे. क्या खोया क्या पाया? लेकिन कुछ कर गुजरेंगे, यही लक्ष्य था.'

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इसके अलावा अनिल अग्रवाल ने बताया कि जब आप मजबूती से आगे बढ़ते हैं तो ईश्वर भी साथ देता है. इस संदर्भ में उन्होंने संघर्ष के दिनों की एक कहानी सुनाई. अनिल अग्रवाल कहते हैं, 'जब वो अपने पिता के साथ रेणुकूट (Renukoot) जाते थे, इसके लिए पहले पटना से बनारस ट्रेन से आते थे. फिर बनारस से एक टैक्सी में 7 लोग सवार होकर रेणुकूट पहुंचते थे, इस दौरान वो अपने पिताजी से कहते थे कि एक ऐसा समय भी आएगा, जब टैक्सी में केवल 4 लोग बैठकर जाएंगे. आज उनकी कंपनी वेदांता वर्ल्ड की लार्जेस्ट एल्युमिनियम मैन्युफैक्चर है.

भारत को आगे लेकर जाएंगे

अनिल अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश में चिप बनाने का लक्ष्य रखा है और ये सपना जल्द साकार होगा. आज इलेक्ट्रॉनिक की हर चीज में चिप का इस्तेमाल होता है. अश्विनी वैष्णव भी बेहतरीन काम कर रहे हैं. दुनिया में पहले केवल 4 कंपनियां चिप बनाती थीं. मेरा लक्ष्य है कि घर-घर में ऑप्टिकल फाइबर का कनेक्शन हो. हम पहले से ग्लास इंडस्ट्रीज में थे, इसलिए चिप इंडस्ट्रीज में आगे बढ़ने में मदद मिली. हम बहुत कम कीमत में प्रोडक्ट्स बनाएंगे. 

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उन्होंने कहा कि सपना देख लिया है, कदम आगे बढ़ा दिए हैं तो पूरा जरूर करेंगे. सेमीकंडक्टर फील्ड में हम दुनिया के अन्य देशों से आगे जा रहे हैं. दो-ढाई साल में प्रोडक्शन होने लगेगा. इसके लिए गुजरात को चुना गया है, जहां बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है. 

हिंदुस्तान का टाइम आ गया है...

अडानी ग्रुप के उतार-चढ़ाव पर उन्होंने कहा कि ये चलता रहेगा. हिंदुस्तान का टाइम आ गया है. देश का व्यापारी ईमानदार है. दुनिया में भारतीय CEO का जलबा है. जिस कंपनी से जुड़ते हैं, उस कंपनी के शेयर चढ़ जाते हैं. दुनिया में कुछ लोग भारतीयों को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते हैं, लेकिन भारत में सबको साथ लेकर चलने का प्रचलन है. हम दुनिया में अमेरिका बन जाएंगे. कर्ज का जहां तक सवाल है, ये चलता रहेगा. 

अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनके ऊपर कर्ज को लेकर ढोल पीटा जा रहा है, उसमें सच्चाई नहीं है. हमने ऑयल-गैस बिजनेस में 22 बिलियन डॉलर कैश लगाया है. कुल मिलाकर मैंने ग्रुप पर 100 बिलियन डॉलर लगाए हैं. आप अगर मेरे कुल कर्ज को देखेंगे, तो ये केवल 13 बिलियन डॉलर है. इस साल 5 बिलियन डॉलर कमाए हैं. अगले साल 10 बिलियन डॉलर कमाएंगे. उन्होंने कहा, 'दारा सिंह भी जब तक मार नहीं खाते थे, तब तक मारते नहीं थे, हमारे पिताजी ने भी सिखाया है कि किसी का एक रुपये नहीं पचाना है.' 

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अनिल अग्रवाल कहते हैं...मैं बिलेनियर नहीं हूं... मैं टाइ नहीं पहनता. लेकिन देश को आगे ले जाने का बीड़ा उठाया है. 8 करोड़ बच्चों को संस्कारी बनाना है. 2 करोड़ महिलाओं को मैनस्ट्रीम में लाना है. 13 लाख आंगनवाडी को नंदघर नाम दिया है. बच्चे जब घरवालों की इज्जत करेंगे, तो बड़े होकर अच्छे आदमी बनेंगे.  उन्होंने कहा कि जो आगे बढ़ते हैं, उनके बारे में लोग कुछ ना कुछ कहते रहते हैं. वो आपके कारोबार पर सवाल उठाते हैं.

फ्यूचर प्लान...
भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना होगा. 15 साल पहले बोला था कि हमारे पास सबकुछ है फिर इंपोर्ट क्यों करते हैं. उस समय खूब गालियां पड़ी थीं. आज हम वहीं बात कर रहे हैं. राजस्थान की धरती में हर कुछ चीजें हैं, जिसे हम बाहर से आयात करके लाते हैं. देश जब तरक्की करेगा तो 90 फीसदी मिडिल क्लास हो जाएंगे.

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