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Indian Railway IRCTC News: नहीं शुरू होंगी रेलवे की ये सेवाएं, कटता रहेगा पैसेंजर्स का पॉकेट

Indian Railway IRCTC News: भारतीय रेल ने पिछले साल मार्च से यात्रियों को चादर, तकिया, कंबल देना बंद किया है. इसके अलावा रेलवे ने ऑन-बोर्ड कुकिंग (On-board Cooking) को भी बंद कर दिया था और यात्रियों को सिर्फ पैकेज्ड फूड (Packaged Food) ही दिए जा रहे थे.

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पिछले साल मार्च से बंद हैं कई सुविधाएं
पिछले साल मार्च से बंद हैं कई सुविधाएं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पिछले साल मार्च से बंद हैं ये सुविधाएं
  • एक्स्ट्रा पैसे देकर मिलता है डिस्पोजेबल बेडरॉल

देश के करोड़ों लोगों के लिए यात्रा करने का सबसे सुलभ माध्यम रेलवे (Indian Railway) है. हर रोज करोड़ों लोग रेलवे से आवागमन करते हैं और आजीविका के लिए इसके ऊपर निर्भर रहते हैं. ऐसे यात्रियों के लिए एक बुरी खबर है. खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा करने वाले उन यात्रियों के लिए यह खबर निराश करने वाली है, जो तकिया, कंबल, चादर आदि फिर से मिलने का इंतजार कर रहे हैं.

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रेल मंत्री ने लोकसभा में कहा ये

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini Vaishnav) ने हाल ही में इस संबंध में संसद में सरकार की योजना की जानकारी दी है. उन्होंने लोकसभा (Loksabha) में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि अभी भी कोविड-19 के खतरे कम नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने महामारी के खतरों को देखते हुए रेलवे में चादर, तकिया, कंबल आदि देना बंद कर दिया था. चूंकि अभी भी इसके खतरे कम नहीं हुए हैं, रेलवे फिलहाल यह सेवा शुरू नहीं करने जा रही है.

ऑन-बोर्ड कुकिंग भी है बंद

भारतीय रेल ने पिछले साल मार्च से यात्रियों को चादर, तकिया, कंबल देना बंद किया है. इसके अलावा रेलवे ने ऑन-बोर्ड कुकिंग (On-board Cooking) को भी बंद कर दिया था और यात्रियों को सिर्फ पैकेज्ड फूड (Packaged Food) ही दिए जा रहे थे. अब कुछ प्रीमियम ट्रेनों में फिर से ऑन-बोर्ड कुकिंग की शुरुआत की गई है, लेकिन ज्यादातर ट्रेनों के यात्रियों को अभी भी पैकेज्ड फूड से ही काम चलाना पड़ रहा है.

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पड़ता रहेगा यात्रियों के पॉकेट पर बोझ

अभी एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को डिस्पोजेबल बेडरॉल किट (Disposable Bedroll Kit) मुहैया कराए जा रहे हैं. इसके लिए यात्रियों को अलग से पेमेंट करना पड़ता है. रेल मंत्री के ताजा जवाब से यह साफ हो गया है कि यात्रियों को अभी भी या तो खुद ही चादर, तकिया, कंबल आदि ले जाना होगा, या इसके लिए उन्हें अलग से पैसे देने होंगे. 

 

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